स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

June 8, 2008

'यूं हुई समन्दर मैं '


यूं हुई समन्दर मैं

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सोचा था मुट्ठी में संभाल रखा है



जतन से उस को,


पर न जाने कब..


फिसल गया वो...

सूखी रेत की तरह,



और रह गयी किरकिरी हाथों में,


जो आंखों में चुभती है तो.....



बना जाती है समन्दर मुझ को !



-Alpana Verma

29 comments:

  1. bahut gehre bhav kehti sundar kavita,thode shabdon mein bahut kuch keh gayi,badhai

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  2. चन्द लफ्जों में समां लिया आपने सागर, धन्यवाद

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  3. बहुत सुंदर लिखा है अल्पना आपने .थोड़े से लफ्जों में गहरी बात कह दी है ..

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  4. मन के समंदर में उठती लहरें
    कई नाम है जो नाव की तरह
    लहराते निकल जाते हैं
    जिसका किनारा आ गया
    वह साथ छोड़कर चला गया
    वह लहरें भी रूप बदल देती
    जिनके साथ वह खेल जाते हैं
    एक लहर आती, एक नाव ले आती
    उसके रुखसत होने के पहले ही
    दूसरी उठती नजर आती
    हर किसी का मन है समंदर
    सबकी अलग अलग कहानी हैं
    कुछ लहरों के साथ ही बहते
    तो कुछ दृष्टा बनकर
    लहर और नाव का खेल देखते जाते हैं
    मन के समंदर में तैरते हैं बस नाम
    हाथ में तो सबके किरकिरी नजर आती है
    ...................................

    आपकी इस कविता पर मुझे कुछ इस तरह शब्द सूझे। बहुत बढिया कविता है आपकी
    दीपक भारतदीप

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  5. अद्भुत!
    बहुत सुंदर!
    बधाई.

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  6. अद्भुत!
    बहुत सुंदर!
    बधाई.

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  7. Anonymous6/08/2008

    hi i never had a doubt on you and you are amazing...but write something romantic.

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  8. भावनाओं से भरे जज्बात। बधाई।

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  9. बहुत सुन्‍दर कविता है। बधाई।

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  10. alpana jee,
    saadar abhivaadan. samundar jitnee gahree baat keh daalee aapnee wo bhee mahaj chand panktiyon mein.

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  11. अल्पना जी,

    सुन्दर और गहरी क्षणिका है।

    ***राजीव रंजन प्रसाद

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  12. अच्छा ख़याल और कहन है आपकी.
    हिन्दी मुक्त छंद की यह बात नज़्म का लुत्फ़
    दे रही है.

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  13. आप सभी को मेरा बहुत बहुत शुक्रिया....आप का हर शब्द आगे लिखते रहने का उत्साह देता है...अल्पना

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  14. सहज संवेदना की
    अलग-सी रचना.
    बधाई.

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  15. बहुत सुंदर लिखा है, लिखते रहिये. बधाई.

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  16. और रह गयी किरकिरी हाथों में,


    जो आंखों में चुभती है तो.....



    बना जाती है समन्दर मुझ को !

    ये अपने आप मे एक खूबसूरत रचना है....
    गाना .....लिखना ओर दोनों चीजे बखूबी करना ...आप मे वाकई कुछ ख़ास हुनर है.....एक शिकयत रहती है आपसे ..आप कविता कम लिखती है.....

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  17. छोटी और सुंदर रचना।

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  18. anuraag ji ...haan ye sach hai maine abhi dhyan diya ki kavitayen kam post ki hain--agli baar se is baat ka dhyan rakhungi..

    aap sabhi ne is kavita ko saraha is ke liye ek baar phir se dhnywaad :)

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  19. phenominal work .. absolutely astounding .. it really deserve a standing ovation .. loved the way you said : phisal gaya woh sookhee ret kee tarha .. amazing

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  20. Only for you dear Alpz ..
    http://expressions-adityaz-world.blogspot.com/2008/06/main.html

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  21. bahut badhiya abhivyakti . badhai

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  22. This comment has been removed by the author.

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  23. Thank you for ur encouraging words Alpz .. But I am really looking forward for your view on my take on 'Madhushalaa' and other poems posted there .. please take time to read and post ur comments there
    Also I did some tweaking to the same poem .. please revisit it as well

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  24. बहुत खूब। आपने थोडे से शब्दों में अपनी बात जिस खूबसूरती से बयाँ की है, वह बहुत सुन्दर है। इस प्यारी सी कविता के लिए बधाई स्वीकारें।

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  25. ret ka kya hai bikhar jayegee.
    ati sundar

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  26. सरोकार पर आपकी टिप्पणी देखकर आपके ब्लाग तक आया. बहुत मर्मस्पर्शी व भावपूर्ण कविताएं लिख रही हैं आप. क्या आपने यह भी पाया है कि पंक्तियों की आपस की लम्बाई, छंद और मात्राओं में कुछ सुधार की गुंजाइश है, जिससे वे और बेहतर बन सके?
    सादर

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  27. Rajesh ji ,vigyan vishya padhe aur padhayee hain --hindi sahitya aur niyamo ki jaankari itni nahin ki kavitaon ko niyam anusaaar likh sakun--
    aap batayeeye kahan correction kiya ja sakta hai main seekhne ko tayyar hun..bas bhaavon ko kagaz par yum hi utaar dete hain...aap ne is pahlu par dhyan diya --achcha laga
    dhnywaad

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  28. alpna jee
    namaskaar
    yoon hui samandar main
    padh kar achchhi lagi
    bhaav bahut achchhe hain
    badhai
    aapka
    Dr.vijay tiwari"kislay"
    http://www.hindisahityasangam.blogspot.com/

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आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना