स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

October 25, 2014

लकीर

*****बहुत दिनों बाद ब्लॉग की चुप्पी को तोडा जाए .:).............*****

चित्र -साभार : शायक आलोक 
कुछ चित्र बोलते हैं और  मुझे ऐसा ही एक चित्र यह लगा ! शायक आलोक जो स्वयं एक उम्दा  कवि हैं लेकिन जब तस्वीरें खींचते हैं  तो वे भी छवि न रहकर कविता  बन जाती है ,इसी चित्र पर मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं
आशा है कि एक मुकम्मल कविता बन पायी है 

पीठ की लकीर 

स्त्री! तुम्हारी पीठ की लकीर रखनी  होगी 
तुम्हें हमेशा सीधी!
क्योकि यही करेगी  तुम्हारे काँधे के बोझ का संतुलन  
और यही रखेगी तुम्हारा सर ऊँचा !

स्त्री !तुम्हारी  पीठ की लकीर बनाएगी तुम्हें श्रद्धेय 
और दिलाएगी तुम्हें तुम्हारा उचित  स्थान !

स्त्री!यही करेगी तुम्हें सदियों की दासता  से मुक्त 
और दिलाएगी तुम्हें अपनी पहचान !

स्त्री !इसी से मिलेगी तुम्हारे ठहरे क़दमों को गति 
और बनाएगी तुम्हें मनु की संतान !

स्त्री! तुम्हें करना होगा पोषित इसे नियमित 
क्योंकि इसी से उगेंगे तुम्हारे नए पंख 
अंकुरित होंगे यहीं से नए हौसले 
और  कर पाओगी  विस्तृत नभ में ऊँची उड़ान !
--------------------
{अल्पना वर्मा }