PIcture by Alpana- |
'ज्योति मुखरित हो,हर घर के आँगन में,
कोई भी कोना ,ना रजनी का डेरा हो,
खिल जाएँ व्यथित मन,आशा का बसेरा हो,
करें विजय तिमिर पर ,अपने मन के बल से,
दीपों की दीप्ती यह संदेसा लाई है,
करें मिल कर स्वागत,दीवाली आई है.'
“आप सभी को दीपावली के इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ”
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