स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

August 20, 2009

'तुम्हारी प्रिया हूँ'

पिछले कुछ दिनों से समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या लिखूं?
यूँ तो ब्लॉग पर सूचना पट लगा दिया था कि ब्रेक टाइम है!कुछ परिस्थितियां भी ब्लॉग लेखन के लिए अनुकूल नहीं हो पा रही थीं.ब्लॉग की दुनिया में महीने भर से मेरी अनियमितता बनी हुई थी.
अब स्थिति सामान्य हुई है तो सोचा यह बंद भी खोल दिया जाये.आज मुहूर्त निकल ही गया :)और यह कविता प्रस्तुत है..

fantasy2
-तुम्हारी प्रिया हूँ -
बरस जाओ बन मेह नेह का तुम,
लरज कर लता सी सिमट जाऊँगी मैं.
बिखरने लगी हैं ये व्याकुल सी अलकें,
जो पल भर भी देखो,संवर जाऊँगी मैं.

मैं कोमल कुमुदनी सी दिख तो रही हूँ,
पवन बन जो आओ महक जाऊँगी मैं,

कभी भीगें नैना और बिखरे जो काजल,
मधुर हास देना ,बदल जाऊँगी मैं.

तुम्हारी छुअन ने बनाया है चन्दन,
यूँ हीं धड़कने तो , नवल पाऊँगी मैं .

न जाओगे अब दूर,वचन मुझ को दे दो,
विरह वेदना अब न सह पाऊँगी मैं.
बरस जाओ बन मेह नेह का तुम,
लरज कर लता सी सिमट जाऊँगी मैं.
-
..अल्पना वर्मा ..

अब है गीत की बारी --
प्रस्तुत है गीत'तेरी आँखों के सिवा' [फिल्म-चिराग]--
Teri Aankhon ke siwa[Chirag]


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यह गीत पिछले साल रिकॉर्ड किया था.इन दिनों कोई नया गीत भी रिकॉर्ड नहीं कर सकी इस लिए इसे ही यहाँ कविता के साथ पोस्ट कर रही हूँ.उम्मीद है पसंद आएगा.