स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

August 24, 2012

कुछ बातें बस ऐसे ही...



ईद में सजा शोपिंग मॉल 
रामादान  गया..ईद आई और अब वह भी गई..धीरे-धीरे छुट्टियाँ खतम होने को आई हैं. दिन तो यूँ ही  गुज़रते  जाते हैं कभी आहिस्ता -आहिस्ता और कभी तेज़ी से.

ब्लॉग एक डायरी है , एक खुली डायरी जिस पर लिखा हर कोई पढ़ सकता है .

August 13, 2012

बस एक त्रिवेणी !


एमिरात में  रामादान का महीना खतम होने को है, मीठी  ईद नज़दीक है और यहाँ इसकी चहल -पहल पूरे ज़ोरों पर दिखाई दे रही है .शोपिंग मॉल देर रात खुले रहते हैं .जबरदस्त खरीदारी हो रही है .हर जगह भीड़ ही भीड़ !
नज़दीक पार्किंग के लिए रात के इस समय भी दिक्कत होती है.

परसों रात  एक ऐसे ही मॉल की मोबाइल से ली गई दो तस्वीरें जो आधी रात के बाद  की हैं .

August 5, 2012

वो पहली मुलाकात!

वो पहली मुलाकात




रे ....ऐसे भाव क्यों?..शीर्षक पढ़कर चौंकिये मत!

यहाँ कोई रूमानी कहानी नहीं है .:)

अपने साथ हुई  एक घटना बताती हूँ ...कुछ सालों पहले की है .

किसी सरकारी दफ्तर में जाने और  काम के लिए खड़े होने का यह मेरा पहला अनुभव  था.

मुझे  दिल्ली शहर में अपनी शादी के कोर्ट सर्टिफिकेट  को   तीस हज़ारी कोर्ट की 'जज महोदया  से अटेस्ट करवाना था .
[ज्ञात हो कि वे एक देश विशेष  के  दूतावास द्वारा मनोनीत जज थीं ,दूतावास को वीसा जारी करने के लिए शादी के प्रमाण पत्र पर उन्हीं के दस्तखत चाहिए  थे]

इस के लिए मुझे  २० दिन   चक्कर काटने पड़े सिर्फ इसलिए कि मैंने घूस देने से मना कर दिया था,सीधे रस्ते काम करवाना चाहती थी.

घर से बस टर्मिनल तक पहले रिक्शे में जाना और फिर  तीस हज़ारी तक  अकेले ही रोज़ बस से जाना -आना !लगभग एक घंटा लगता था बस में ,इसलिए जहाँ से बन कर चलती है वहाँ  से बैठो तो सीट तो मिल जाती है कम से कम !