स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

November 3, 2010

'एक वो भी दिवाली थी… एक ये भी दिवाली है'

कार्तिक मास की अमावस क्यों खास होती है यह बताने की आवश्यकता ही नहीं..रोशनी के त्यौहार दिवाली से कौन अनजान होगा ?
कुछ सालों पहले तक दिवाली की तैयारियों में जो उत्साह उमंग दिखाई दिया करता था , क्या वह आज भी कायम है?अगर नहीं तो इसके कई कारण हो सकते हैं.इन संभावित कारणों
को हम आप बहुत कुछ जानते भी हैं..दोहराने से क्या लाभ..?मुख्य कारण तो मंहगाई ही है लेकिन बढ़ते आधुनिकीकरण का प्रभाव रीती रिवाजों के साथ साथ त्योहारों  पर भी पड़ रहा है.बीते कल में और आज में बहुत परिवर्तन आ गया है.आने वाले कल में और कितना परिवर्तन आएगा या कल हम रिवर्स में भी जा सकते हैं?
याद है ….हर साल मिट्टी के १००-१५०  नए दिए लाए जाते ,पानी में उन्हें डुबा कर रखना फिर सुखाना ,रूई की बत्तियाँ बनाना,आस पड़ोस में देने के लिए दिवाली की मिठाई की थाल के लिए नए थाल पोश बनाना,रंगोली के नए डिजाईन तलाशना ,कंदीलें बनाना[अब कंदीलें गायब हैं] ,उन दिनों रेडीमेड कपड़ों का कम चलन था सो महीने दो महीने पहले ही नए कपडे ले कर दर्जी से सिलवाना.. आदि आदि…