प्रस्तुत हैं सात हाइकु .. --;
गुम है मीता
मौन हुई निगाहें
मन भी रीता
[मीता--सखा /friend] |
तस्वीर मौन
अंतहीन प्रतीक्षा
खुद को भूले !
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रुकावट राह की फिरी नज़र |
नयन भीगे
सलवटें माथे पे
कलाई सूनी.
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पाषाण मन
अंतर बहे लावा
आँखों का नीर !
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धुंध हुई गहरी नहीं हैं ' हम' ! |
उनका प्रतिबिम्ब
घुलता चाँद ~~-अल्पना वर्मा ~~ |
हाइकु कविता के संबंध में संक्षिप्त जानकारी-:
- हाइकु/हायकू हिन्दी में १७ अक्षरों में लिखी जानेवाली सब से छोटी कविता है.
- तीन पंक्तियों में पहली और तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर और दूसरी पंक्ति में ७ अक्षर होने चाहिये.
- संयुक्त अक्षर ex:-प्र. क्र , क्त ,द्ध आदि को एक अक्षर/वर्ण गिना जाता है.
- शर्त यह भी है कि तीनो पंक्तियाँ अपने आप में पूर्ण हों.[न की एक ही पंक्ति को तीन वाक्यों में तोड़ कर लिख दिया.]
- हाइकु कविता ' क्षणिका' नहीं कहलाती क्यूंकि क्षणिका लिखने में ये शर्तें नहीं होतीं