स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

September 12, 2015

छाया-माया

प्रिय माया ,

बहुत दिनों से तुमने मुझे खुद से दूर रखा है पर यह तुम भी जानती हो कि छाया के बिना तुम भी अकेली हो.
छाया तुम्हारी अनुकृति ही तो है..तुम्हारी भावनाओं से अछूती नहीं है फिर भी तुम अँधेरे जा बैठी हो.


अँधेरा जो छाया को निगल जाता है ,अँधेरा जो तुम्हें भी एक दिन अपना ग्रास बना लेगा .

माया ,प्रकाश में आओ..वहीँ ये ..छाया तुमसे जुड़ पाएगी ,,
अन्यथा वह चाहकर भी तुम्हारा साथ नहीं दे पाएगी.

तुम्हारी छाया



प्रिय छाया ,
वक़्त राहों में मायाजाल फैलाता है मैं  उनमें उलझती हूँ ..गिरती हूँ  ..संभलती हूँ .
मैं इतनी कमज़ोर भी नहीं कि हर बार चोट खाती रहूँ.
हर घाव ने मुझे सबक दिया है.

अँधेरे मुझे अब भाने लगे हैं.अभ्यस्त हो रही हूँ मैं ,इसलिए अब यहाँ से बाहर नहीं आना चाहती.
वक़्त साथ न दे तो भी .

और हाँ ,रौशनी भी तेज़ हो जाए तो दृष्टि कमज़ोर कर देती है.उसका साथ सच्चा नहीं है.
अँधेरा एक सा रहता है .वह मुझे समो लेगा खुद में एक दिन इस में कोई  झूठ नहीं.
मैं सच के साथ हूँ .ऐसे ही रहने  दो मुझे.

तुम्हारी माया
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और छाया लुप्त हो गयी ...अब माया अकेली है !
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--अल्पना वर्मा

12 comments:

  1. छाया माया के मध्य ही मानव जीवन व्यतीत हो रहता है.

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  2. Bahut hi khoobsurat alpana ,Abhi man nahi bhara phir se padungi

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  3. 'माया छाया एक सी, बिरला जाने कोय'...लम्बे अंतराल के बाद सुन्दर और प्रभावी लेखनी के साथ आपकी उपस्तिथि अच्छी लगी।

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  4. 'माया छाया एक सी, बिरला जाने कोय'...लम्बे अंतराल के बाद सुन्दर और प्रभावी लेखनी के साथ आपकी उपस्तिथि अच्छी लगी।

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  5. वक़्त इन्सान पे ऐसा भी कभी आता है
    राह में छोड़ के साया भी चला जाता है
    दिन भी निकले ग कभी रात के आने पे न जा

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  6. वैसे हम आत्‍मविश्‍वास और सकारात्‍मकता की बातें करते हैं परन्‍तु सच्‍चाई जीवन में माया व छाया के रूप में ही प्रकट है,बिलकुल वैसे ही जैसे आपने वर्णित किया है। इतने दिनों के बाद दस्‍तक दी है। सब ठीक है ना?

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  7. Very true story ,touched my heart . Thanks for such a nice post .

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  8. बहुत ही उम्दा भावाभिव्यक्ति....
    आभार!
    इसी प्रकार अपने अमूल्य विचारोँ से अवगत कराते रहेँ।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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  9. माया और छाया ही जीवन की सच्चाई है। इसे बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है आपने...

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  10. Bahut sunder. Jeevan ki sachchaee.

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  11. बहुत खूब लिखा है अल्पनाजी ।

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  12. बहुत खूब लिखा है अल्पनाजी ।

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आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना