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दोपहर ३ बजे..अप्रैल ,२०१३ |
बरसात का मौसम किसे नहीं भाता?
अमीरात में पिछले दो साल से बारिश नहीं हुई थी..कुछ महीने पहले हलकी सी हुई थी लेकिन पिछले दो दिन से यहाँ ऊपरवाले की ऐसी मेहरबानी है कि बादलों से ढके आसमान ने रूक- रूक कर अभी तक बरसाना जारी रखा है।
न जाने कितने सालों बाद सूरज देवता को ऐसी लंबी छुट्टी मिली है!लगता है ही नहीं है कि अप्रैल का महीना है। ऐसा सीला -सीला मौसम बार-बार भारत की याद दिला रहा है!
आप भी देखें इन चित्रों में हमारे इस शहर की एक झलक...
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Town center ,April,2013,8 PM |
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-3- |
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-4-At Night -10PM |
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-5- |
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इतनी बारिश को देखकर भी मन कहाँ भरता है ..बस यही कहता है कि 'बरखा रानी ज़रा जम के बरसो...'
टिप-टिप बरसा पानी
ReplyDeleteपानी ने आग लगाई
आग लगी पानी में
दिल को याद आई
.........
वाह ! बारिस के फोटो देखकर आनंद आ गया। अब वीडियो देखते हैं।
ReplyDeleteबहुत खूब, मौसम की मेहरबानी....दो साल बाद ही सही बरखा रानी मेहरबान तो हुई।
ReplyDeleteरिमझिम के तराने.... धुला धुला सा समां..
ReplyDeleteवाह, वर्षा सब धो देती है।
ReplyDeleteबारिश का अपना ही मजा है...चित्र बहुत सुन्दर हैं..
ReplyDeleteबरसात का मौसम बडा आनंद दायक होता है, जहां दो साल से बरसात ना हुई हो वहां के बाशिंदों की खुशी समझी जा सकती है, चित्र बहुत ही खूबसूरत हैं. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
चेन्नई में चिप चिपी गर्मी से हलाकान हैं ऐसे में बारिश की ख़बर या तसवीर चाहे कहीं की भी हो बड़ा सुकून देती है. मुझे याद है कुछ वर्षों पूर्व सऊदी अरब और अमीरात के लोग मानसून के समय सपरिवार मुंबई आते थे, केवल बारिश देखने. जिस होटल में हम ठैरे थे वहाँ एक परिवार से मुलाकात भी हो गयी थी.
ReplyDeleteचेन्नई में चिप चिपी गर्मी से हलाकान हैं ऐसे में बारिश की ख़बर या तसवीर चाहे कहीं की भी हो बड़ा सुकून देती है. मुझे याद है कुछ वर्षों पूर्व सऊदी अरब और अमीरात के लोग मानसून के समय सपरिवार मुंबई आते थे, केवल बारिश देखने. जिस होटल में हम ठैरे थे वहाँ एक परिवार से मुलाकात भी हो गयी थी.
ReplyDeleteबरसात के साथ लाईटस ने एकदम इंद्रधनुषी समां बना दिया है, बहुत सुंदर विडियो.
ReplyDeleteरामराम.
प्यासा जाने जल की क़ीमत....
ReplyDeleteशानदार बरखा का सत्कार.
रोशनी ने भी खिलकर स्वागत किया है.
@कुदरत का नज़ारा देखीये आज अमीरात में ३ दिनों से रुक रुक कर लगातार बारिश हो रही है.इस समय भी...ऐसा पहले कभी नहीं देखा.
ReplyDeleteयहाँ यहाँ -वहाँ पठार /पहाडियाँ हैं .हरियाली भी तो भीगा होने से बिलकुल भारत के पहाड़ी इलाके जैसा सीन हो गया है..
सउदी अरब और ओमान में कई जगह पानी भर जाने गया है...मौसम को देखते हुए एहतियातन वहाँ स्कूलों में छुट्टियाँ कर दी गयी हैं.
ReplyDeleteवर्षा ऋतू ही धरती को दुल्हन बनाती
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest postजीवन संध्या
latest post परम्परा
:)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया,चित्र मय उम्दा प्रस्तुति !!!
ReplyDeleteRecent post: तुम्हारा चेहरा ,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार के "रेवडियाँ ले लो रेवडियाँ" (चर्चा मंच-1230) पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सच में ... आजकल ऑफिस आने का मन नहीं करता ... हर दिन जैसे सावन बना हुआ है ...
ReplyDeleteमस्त फोटो लिए हैं आपने ...
How soothing! ENJOY!
ReplyDeleteVery soothing!
ReplyDeleteसुखद आश्चर्य -झमाझम का आनंद उठाईये ! मैं तो देखकर ही तृप्त हो रहा हूँ
ReplyDeleteबरसात में भींगने का अपना ही एक आनंद है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति
चित्रों का सुंदर संयोजन
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
कहाँ खड़ा है आज का मजदूर------?
अल्पना जी
ReplyDeleteजय सिया राम!
चित्रों व वीडियो के माध्यम से बारिश का अदभुत अनुभव रहा...
आनंद आ गया ...खूबसूरत झलकियों के लिए आभार आपका !
ReplyDeleteAlpana U a re fatntastic poet. apki poetry dil ko choo jaati hai
ReplyDeletebaarish ka mausam kya khoob mausam hai ..har taraf hariyaali aur tan man pulkit hio jaaye aisii chaa jaati bahaar
aapki poetry bahut hee umda hai ..dil ko choo jaati hai ... har roop me beautiful.. Baharon ka mausam ko ya zindagi ka roop.. har ras,har roop me, ik nayaab ehsaas aur andaaz
ReplyDeleteइधर अभी गर्मी है / बहुत गर्मी/ मगर आपके ब्लॉग पर यह बारिश मन को सुकून दे रही है ...
ReplyDeleteSundar...
ReplyDeleteबारिश की बात ही कुछ और है .. फोटोग्राफ भी बेहद आकर्षक हैं ..सादर बधाई और आमंत्रण के साथ
ReplyDeleteबढिया तस्वीरें
ReplyDeleteओके , काफी दिन बाद बारिश हुई है, फिर तो सब लोग काफी मौज कर रहे होंगे।
शुभकामनाएं
बहुत खुबसूरत पोस्ट |
ReplyDeleteयहाँ तो अब भी इंतज़ार है मेघों का.....
ReplyDeleteअनु
सुन्दर। अब यहां भी बारिश का इंतजार है।
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