हर रिश्ता अपना अलग रूप रखता है ,हर रिश्ते की अलग पहचान तो उसे निभाने के लिए जतन भी अलग -अलग होते है।दिल के भी न जाने कितने चेंबर बनाने पड़ते हैं ...हर रिश्ता अपने लिए प्रयाप्त जगह चाहता है और उसके फलने फूलने के लिए प्रयाप्त खुराक भी !
हम कितना समय दे पाते हैं किस को ..इसी पर निर्भर करता है हमारा सामाजिक जुड़ाव भी। .
त्यौहार हमें एक दूसरे के इसी जुड़ाव को मजबूत करने का मौका देते है।
होली का त्यौहार भी आपसी मेल -जोल और प्रेम को बढाने का त्यौहार है।
मैंने आखिर होली १५ साल पहले खेली थी।
मुझे इस त्यौहार से कोई खास मोह नहीं है उसका एक कारण यह है कि होली में रंग -बिरंगे होने के बादजो उन रंगों को उतारने की जद्दोजहद करनी पड़ती है वो अक्सर तकलीफदेह होती है।
होली के त्यौहार को मैं रंगों के साथ साथ गुझिया से जोड़ती हूँ.वही तो खास मिठाई बना करती घरों में और बांटी भी जाती थी।
यह कह कर कि' बुरा न मानो होली है '!कई लोग तो अपने मन की बात अगले व्यक्ति को कह देने के लिए शायद साल भर इस मौके की प्रतीक्षा करते हैं ।
आप सभी जो होली मनाने वाले हैं, तैयारियों में लगे होंगे।
सभी को होली की रंग बिरंगी शुभकामनाएँ!
सभी को होली की रंग बिरंगी शुभकामनाएँ!
फागुन -धुन
खिली -खिली है धरती , खिला गगन है ,
रंगों से रंगा देखो ऋतुराज वसन है ,
महक-महक उठती है बगिया ,
बहती -बहती मदमस्त पवन है ,
लहकी-लहकी झूमे सरसों
बहके-बहके से है टेसू ,
जाने किस की धुन में अलसी मगन है!
रंगों की कर जंग , मृदंग- चंग गीत सुनाएँ
मलते हुए गुलाल ,संग अबीर लगाएँ.,
पिचकारी की धार संग रंग खूब नहाएँ,
दूर करें सब बैर ,हृदय प्रेम भर जाएँ.
फागुन - धुन पर झूम -झूम यूँ होली.मनाएँ।
-अल्पना वर्मा
होली का आनन्द सबके मन को छू जाये, होली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteमीठी फागुन धुन ...
ReplyDeleteपर्व की बहुत शुभकामनाएं
होली के अवसर पर शानदार रचना
ReplyDeleteहोली पर्व की अग्रिम शुभकामनाएँ |
रंगीन होली सबके दिल में खुशियाँ भर दें. होली की शुभकामनाएं
ReplyDeletelatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
मेरा तो सबसे मनपसंद त्यौहार है होली. हाँ, रासायनिक रंगों से एलर्जी के चलते इधर थोड़ा रंग खेलना कम हो गया है. जब तक बाऊ जी थे, घर पर होली में गुझिया बनाती थी क्योंकि बाऊ को बहुत पसन्द थी. अब नहीं बनाती. होली भी अब दिल्ली में ही मनती है दोस्तों के साथ. लेकिन आज भी मुझे ये त्यौहार प्रिय है.
ReplyDeleteरंगों में रंग कर जब सब एक जैसे नज़र आते हैं , तो सारे कष्ट भूल जाते हैं।
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें।
आपको भी ढेर सारी शुभकामनाएं ..मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteआपको भी ढेर सारी शुभकामनाएं..
ReplyDeleteरंगों की कर जंग , मृदंग- चंग गीत सुनाएँ
ReplyDeleteमलते हुए गुलाल ,संग अबीर लगाएँ.,
पिचकारी की धार संग रंग खूब नहाएँ,
दूर करें सब बैर ,हृदय प्रेम भर जाएँ.
होली का खूबसूरत चित्रण । राधा कृष्ण का चित्र बडा प्यारा ।
होली हो रंगभरी मीठी प्यारी ।
ReplyDeleteअल्पना जी,
ReplyDeleteआप के व्दारा होली की शुभ कामनाएं देने के लिये धन्यवाद।आप का यह कहना सच हैकि होली के रंग खेलने के बाद उतारने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। खास कर आज रंगों में ऐसी मिलावट कर दी जाती है जो स्वास्थय के लिये हानिकारक होते हैं। हर पर्व का अपना बहुत महत्व होता है बशर्ते उस को मनाने वाले शालीनता बनाये रखें।
होली की शुभकामनाओं के साथ।
विन्नी
अल्पना जी,
ReplyDeleteआप के व्दारा होली की शुभ कामनाएं देने के लिये धन्यवाद।आप का यह कहना सच हैकि होली के रंग खेलने के बाद उतारने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। खास कर आज रंगों में ऐसी मिलावट कर दी जाती है जो स्वास्थय के लिये हानिकारक होते हैं। हर पर्व का अपना बहुत महत्व होता है बशर्ते उस को मनाने वाले शालीनता बनाये रखें।
होली की शुभकामनाओं के साथ।
विन्नी
होली के अवसर पर बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.
ReplyDelete"स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल:कुछ उपयोगी नुस्खें"
रंगों की कर जंग , मृदंग- चंग गीत सुनाएँ
ReplyDeleteमलते हुए गुलाल ,संग अबीर लगाएँ.,
पिचकारी की धार संग रंग खूब नहाएँ,
दूर करें सब बैर ,हृदय प्रेम भर जाएँ....
मधुर भाव लिए .. प्रेम को सचमें जगाता है होली का त्यौहार ...
ओर मेरा तो सबसे प्रिय त्यौहार है ... कोशिश रहती है यहाँ भी अड़ोसी पड़ोसियों के साथ मिल के मनाएं ... रंगों के साथ मिठाई का भी आनंद में ...
आपको होली की शुभ-कामनाएं ...
होली की शुभकामनायें।
ReplyDeletebina khele itti pyari si rachna...:)
ReplyDeleteshubhkamnayen...alpana jee
अल्पना जी,
ReplyDeleteआप के व्दारा होली की शुभ कामनाएं देने के लिये धन्यवाद।आप का यह कहना सच हैकि होली के रंग खेलने के बाद उतारने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। खास कर आज रंगों में ऐसी मिलावट कर दी जाती है जो स्वास्थय के लिये हानिकारक होते हैं। हर पर्व का अपना बहुत महत्व होता है बशर्ते उस को मनाने वाले शालीनता बनाये रखें।
होली की शुभकामनाओं के साथ।
विन्नी
होली देखने में तो अच्छी लगती है पर मनाने में लभेड़... :)
ReplyDeleteहोली के आपके अनुभव और गीत दोनों में एक गहरा दर्शन समाविष्ट है। और रही होली पर मन की बात कहने और उस पर आपका बुरा न मानने की तो कहते हुए लाज आ रही..............। वैसे मेरी बात असभ्य नहीं है। आपको रंगों की असीम शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपकी भी होली बहुत शुभ हो !
ReplyDeleteआपकी भी होली बहुत शुभ हो !
ReplyDeleteहोली तो बस होली है. ना कोई छोटा ना बडा...ना जात ना पांत. सबके अपने अपने माध्यम हैं. शायद इस फ़ाल्फ़ुन मास की महिमा ही ऐसी है कि सभी आम के पेड की तरह बौरा जाते हैं.
ReplyDeleteआपने बहुत खूबसूरती से होली त्योंहार को अभिव्यक्त किया है. होली की बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
nice poetry and colors . Happy holi to u and family .
ReplyDeleteमैंने भी लगभग पिछले पंद्रह वर्षों से होली नहीं खेली
ReplyDeleteमुझे होली का त्यौहार पसंद नहीं लेकिन भागता भी नहीं ... :-)
शर्त ये है प्रेम और शान्ति से हल्का सा गुलाल लगाओ गले मिल लो .. बस !!
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आपको होली की बहुत बहुत बधाई / शुभ कामनाएं
बसंत फागुन और होली,,,बसन्ती बयार और उपर से होली का त्यौहार हो तो रंगों में गुल तो खिलेगा ही,,,बहुत उम्दा ,,,
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
Recent post: रंगों के दोहे ,
सुन्दर फ़ागुनी गीत है अल्पना. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteHoli Ki bahot bahot shubhkamnayein aapke liye ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ...सादर!
महक-महक उठती है बगिया ,
ReplyDeleteबहती -बहती मदमस्त पवन है ,
लहकी-लहकी झूमे सरसों
बहके-बहके से है टेसू ,
जाने किस की धुन में अलसी मगन है!
bahut sundar rachana .....holi pr hardik badhai Alpana ji
होली मुबारक
ReplyDeleteअभी 'प्रहलाद' नहीं हुआ है अर्थात प्रजा का आह्लाद नहीं हुआ है.आह्लाद -खुशी -प्रसन्नता जनता को नसीब नहीं है.करों के भार से ,अपहरण -बलात्कार से,चोरी-डकैती ,लूट-मार से,जनता त्राही-त्राही कर रही है.आज फिर आवश्यकता है -'वराह अवतार' की .वराह=वर+अह =वर यानि अच्छा और अह यानी दिन .इस प्रकार वराह अवतार का मतलब है अच्छा दिन -समय आना.जब जनता जागरूक हो जाती है तो अच्छा समय (दिन) आता है और तभी 'प्रहलाद' का जन्म होता है अर्थात प्रजा का आह्लाद होता है =प्रजा की खुशी होती है.ऐसा होने पर ही हिरण्याक्ष तथा हिरण्य कश्यप का अंत हो जाता है अर्थात शोषण और उत्पीडन समाप्त हो जाता है.
होली की हार्दिक शुभकामनायें!!!
ReplyDeleteहोली तो "होली "। लिए इस सुन्दर गीत के लिए आभार ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें with Gujia Made in India.
ReplyDeleteDear Alpana,
ReplyDeleteWonderful composition...
I am truly impresssed and never miss your blog. you write very well and in the most simplest manner..
Keep up the good work.
Its what we can all relate to in this over ambitious world... and get down to reality sometimes..right?
good luck! and great work!!