'व्योम के पार' ब्लॉग के अतिरिक्त मेरे अन्य दो ब्लॉग भी हैं जिनमें से एक है - 'भारत दर्शन' । भारत के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की जानकारी जितना संभव हो विस्तार से देने का प्रयास करती हूँ। उद्देश्य यही होता है कि अंतरजाल पर हिंदी भाषियों को भारत के महत्पूर्ण स्थलों, स्मारकों, धार्मिक व पर्यटन से जुडी जगहों के बारे में जानकारियाँ उपलब्ध करा सकूँ !
सम्बन्धित तस्वीरें अगर नेट से लेती हूँ तो जिनकी साईट से तस्वीरें ले रही हूँ उन से बकायदा अनुमति लेती हूँ, ... अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर विश्वसनीय स्रोत से जानकारी एकत्र करके एक जगह क्रमबद्ध करना इतना भी आसान नहीं जितना लगता होगा ... लेकिन ब्लॉग-जगत ने शायद ही इस ब्लॉग को संज्ञान में लिया हो !
परन्तु मुझे दुःख नहीं है क्योंकि अक्सर इस ब्लॉग पर और लिखने के लिए मुझे अनजान लोगों से प्रोत्साहन मिलता रहता है, गूगल स्टेट के आंकड़ों के अनुसार पाठकों का आगमन निरंतर बढ़ रहा है। आज स्थिति यह है कि ब्लाग पर प्रतिदिन औसतन दो-तीन सौ पाठक आते हैं...तमाम पर्यटक...जिज्ञासु...स्कूल-कालेज के स्टूडेंट्स इस साईट पर आकर विभिन्न स्थलों, स्मारकों, जगहों इत्यादि से सम्बंधित जानकारियां पढ़ते हैं। बेशुमार लोगों के लिए मेरे द्वारा दी गयी जानकारियाँ उपयोगी सिद्ध होती हैं। ये सब बातें मुझे उनके ई-मेल्स और कमेंट्स [फिलहाल कमेन्ट बॉक्स बंद है] से भी बराबर पता चलती रहती हैं।
इसी तरह नवंबर में एक पोस्ट पर टिप्पणी से मालूम हुआ कि कहीं किसी अखबार में ब्लॉग का ज़िक्र है, प्रतिटिप्पणी में मैंने टिप्पणीकर्ता से जानकारी चाही तो उनका कोई उत्तर नहीं मिला और न ही उनका कोई ई-मेल आया।
दो दिन पहले यह बात मैंने प्रकाश गोविन्द जी से बतायी कि भारत दर्शन ब्लॉग के बारे में कहीं छपा था लेकिन पता नहीं चल रहा कि कहाँ ? तब उन्होंने पता नहीं कैसे व किस-किस तरह के प्रयास कर के आखिरकार वो अखबार और क्लिप तलाश ही ली, लेकिन उसका प्रिंट काफी खराब सा था, तब उन्होंने इसे साफ़ कर के मुझे भेजी .. उनका हार्दिक आभार।
मेरे लिए यह बड़ी खुशी की बात थी कि ब्लोगजगत द्वारा उपेक्षित इस ब्लॉग के बारे में इतनी अच्छी बातें लिखी गयी थीं। राजस्थान पत्रिका के नवंबर 2012 के अंक में प्रकाशित स्वप्नल सोनल जी की यह रिपोर्ट --
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मैं पत्रिका के संपादक एवं इस लेख के लेखक को धन्यवाद देना चाहती हूँ
और
आभार प्रकट करना चाहती हूँ कि उन्होंने मेरे कार्य को सराहा और प्रोत्साहन दिया।
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Badhaiyaan....
ReplyDeleteBadhai Apko....
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
जहां तक भारत दर्शन ब्लाग का प्रश्न है तो यह सही है ब्लागर्स का इस पर ध्यान नही गया, आपके दो ही ब्लाग पापुलर हैं.
ReplyDeleteजहां तक मेरा मानना है कि आजकल कोई एग्रीगेटर ना होने से सब अपने अपने माध्यम से पढते हैं, मैं स्वयं अपनी ब्लाग फ़ीड से पढता हूं और मैने आपका वो ब्लाग फ़ालो नही किया हुआ है इसलिये उसकी बहुमुल्य पोस्ट पढने से वंचित रहा, जबकि मुझे अच्छी तरह मालूम है कि आपने हिंदी में यह सामग्री बहुत ही अथक मेहनत से जुटाई है. आज ही फ़ोलो करते हैं. बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
अल्पना जी , आपके ब्लॉग्स की अपनी एक जगह है ...देखिये अखबार में भी जिक्र आ गया ...टिप्पणियाँ बेशक हौसला अफजाई करती हैं ...मगर ज्यादा न भी आयें तो क्या ... हमारा हौसला विचलित नहीं होना चाहिए ...आपको बधाई .
ReplyDeleteसही कहा आपने।
DeleteBadhayi.
ReplyDeleteGambheer kaamon ki turant waah-wahi nahi milti, uski value logon ko dheere dheere samajh men aa hi jati hai.
अल्पना जी आप को बहुत बहुत बधाई .. हौसला बनाए रखना .आप की मेहनत जरूर रंग लाएगी..
ReplyDeleteजैसा कि रामपुरिया जी ने कहा, समग्र एग्रीगेटर का अभाव बड़ी समस्या है पर अच्छे काम की प्रशंसा होती ही है.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई!!
ReplyDeleteवाकई आपके उस ब्लॉग से हम भी अनभिज्ञ रहे…
Exam m pass hone aur phir inaam milne per jo khushi hoti hai ... ye khushi waisi hai ... Mabrook ... Sharda ji ne theek kaha .. keep up the good work
ReplyDeleteबधाई ... ब्लॉग जगत को प्रिंट मीडिया में जगह मिली .... ये तो खुशी की बात है ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeletelatest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
latest postऋण उतार!
क्या बात है....बधाइयां..
ReplyDeleteअल्पना, अभी मैने भारत-दर्शन पर टिप्पणी करने की कोशिश की लेकिन वहां कमेंट नहीं हो पा रहा. शायद वहां केवल टीम सदस्यों को कमेंट की अनुमति है.
ReplyDeleteजी वंदना जी...वहाँ काफी समय से टिप्पणी बॉक्स बंद किया हुआ है.
Deleteफिलहाल इमेल या कोन्टक्ट फॉर्म के ज़रिए संवाद किया जा सकता है.
सादर.
धन्यवाद जी!
ReplyDeleteबहुत बधाई , आप के सार्थक प्रयास ऐसे ही चलते रहें यह मेरी कामना है.
ReplyDeleteबधाईयां और भावी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसराहनीय कार्य..यह जानकारी बड़ी उपयोगी रहती है..
ReplyDeleteकार्य यदि उपयोगी और सराहनीय है तो एक दिन उसे अवस्य सम्मान मिलकर रहेगा,
ReplyDeleteRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
आप योग्य हैं ...
ReplyDeleteइसमें कोई संदेह नहीं कि भारत दर्शन ब्लॉग एक विशिष्ट ब्लॉग है ! एक हिंदी भाषी पाठक/पर्यटक के लिए यहाँ काफी कुछ है जहाँ से उसे पर्याप्त जानकारी मिल सकती है ! मैं यह मानता हूँ कि आगे भविष्य में आपके इस ब्लॉग की उपयोगिता निरंतर बढती ही जायेगी !
ReplyDelete-
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भारत दर्शन के बारे अखबार में काफी अच्छा लिखा है ! आशा है आगे भी पत्र-पत्रिकाओं में इस ब्लॉग की चर्चा होती रहेगी !
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आपको ढेरों शुभ कामनाएं !!
आदेर्नीया शरद सिंह जी के ब्लोग् पर सबसे पहले पुरातातिव स्थलों के बिषय में उनके द्वारा लिखे गए शानदार लेख पढ़े..जिससे मेरी भी अभिरुचि इसमें जाग्रत हुई ..आप मुझे इसका लिंक दीजियेगा मैं उसे ज्वाइन जरुर करूंगा .सादर
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteआग्रह है मेरे ब्लॉग मैं भी सम्मलित हो
jyoti-khare.blogspot.in
आभार आपका
यह नामचीन पर्यटन स्थलों जैसा ही दर्शनीय है मगर खुद जा नहीं पा रहा यहाँ काफी वक्त से -अब पर्यटन और इस ब्लॉग के दर्शन साथ साथ ही होंगे
ReplyDeleteअल्पना जी बहुत बहुत बधाई ।फूलो की खुशबु अपने आप ही पहुँच जाया करती है ।
ReplyDeleteब्लॉगिंग शुरू करने के दिनों में मैं पढ़ता था आपका ब्लॉग,फ़िर अचानक ही ’नो परमीशन’ वाला मैसेज दिखने लगा तो छूट गया था। सारगर्भित जानकारी मिलती थी आपके ’भारत दर्शन’ ब्लॉग से, इसमें कोई संदेह नहीं।
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