स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

January 25, 2013

पुकार


हर वर्ष की भांति आज 26 जनवरी को हम अपना गणतंत्र दिवस मना रहे हैं । 
हम भारतीय कुछ अधिक ही आशावादी हैं,होना भी चाहिए लेकिन इन कुछ सालों में राष्ट्र का आशानुरूप  उत्थान नहीं हो सका बल्कि पतन ही हो रहा है । इसलिए अब और नहीं !

हाल ही की कुछ घटनाओं,दुर्घटनाओं  और नेताओं के कुछ गैर ज़िम्मेदार बयानों से जो नुकसान देश की छवि को पहुंचा है वैसा पहले कभी नहीं देखने को मिला । 

हम से लोग जब उन खबरों पर  सवाल करते हैं  तो कोई जवाब देते नहीं बनता।आज देश की ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है?

न केवल सत्ताधारी बल्कि वे  लोग भी हैं जो चुनाव में  अपने विवेक से मतदान नहीं करते या मतदान अधिकार का प्रयोग ही नहीं करते और बाद में गलत लोगों के हाथ में सत्ता चले जाने पर शोक मानते हैं ,अफसोस करते हैं। आज का भारत युवाओं का  भारत है सारी दुनिया की निगाह इस पर टिकी है ,उनके लिए एक पुकार है क्योंकि देश को गणतंत्र बने इतने  साल गुज़र गए मगर आगे ले  जाने की बजाए  देश को  नैतिक, मौलिक व सांस्कृतिक पतन की ओर धकेला जा रहा है। 

अब भी समय है जागने का ,युवाओं को अपनी शक्ति पहचानने का ,अपना स्वाभिमान जगाने  अन्यथा फिर से गुलाम होते देर नहीं लगेगी ।
 और इस बार गुलाम हुआ तो अगले 500 सालों तक भी कोई आज़ाद नहीं करा सकेगा। पाश्चात्य रंग में पूरा रंगने पर भी आप उनके देश में गैर ही हैं और अपनी धरती तब भी आप को अपना ही कहेगी। 

हमें आज भी खुद के भारतीय कहने पर गर्व है ,आनेवाला कल भी इस मान को बनाए रखे इसके लिए  मन से भी हरेक को पहले  स्वयं को  'भारतीय' स्वीकारना  होगा।

पुकार 

मना रहे शुभ पर्व ,ये सन्देस कहना है तुम्हें  ,
आज ही नहीं , हर दिन सजग रहना है तुम्हें  , 

जो फैला रहे घृणा जन-जन में, उनको ढूंढ लो,
कर दो निर्मूल उसको, जिसमें ये विषफल फले ,

बाँटने को देश ,बढ़ रहे फिर से कई जो हाथ हैं ,
अपनी चतुराई  और बाहुबल से उनको तोड़ दो । 

चलने लगी हैं  आँधियाँ,  नीड़  उजड़ने लगे  ,
कर के काबू इन  हवाओं के रूखों  को मोड दो । 

माफ़ी की जगह नहीं , इस बार जो चुके कहीं ,
ये समझ लो आखिरी है युद्ध, फिर दूजा नहीं । 

हो चुका अन्याय बस ,और अब सहना नहीं ,
टूटने लगा  है जो विश्वास, उसको जोड़ दो । 

 खो रही है आस ,और कराहती है भारती ,
 है बहुत  अधीर मन , पुकारती है भारती । 
...........

.............अल्पना वर्मा  ................

20 comments:

  1. गणतन्त्र दिवस की शुभ कामनायें!

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  2. सुंदर

    काश समय रहते चेत जाएं लोग

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  3. वन्देमातरम् ! गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!

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  4. प्रभावी प्रस्तुति ||
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें-

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  5. अच्छा संदेश है।
    गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें-
    http://www.divshare.com/download/13868491-5ae

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  6. अल्पना जी नवीं पंक्ति में मेरे ख्याल से चूके की जगह चुके होना चाहिये,बहुत अच्छी रचना ,सुंदर भावाभिव्यक्ति ,

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  7. पुकार ही नहीं यह आह्वान भी है ! गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

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  8. युवा शक्ति में बहुत ताकत है। बस मार्गदर्शन की ज़रुरत है।
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें स्वीकारें।

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  9. बढ़िया सन्देश और आवाहन ...
    शुभकामनायें !...

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  10. देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    --
    आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!
    सूचनार्थ... सादर!

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  11. माँ न कहे कि बेटे मेरे, वक़्त पड़ा तो काम न आये।

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  12. आपकी पुकार कुबूल हो.

    आपको ६४ वें गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें.

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  13. प्रभावी सुंदर प्रस्तुति,,,,

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    recent post: गुलामी का असर,,,

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  14. उम्दा प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई...६४वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं...

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  15. बहुत सटीक ढंग से संदेश दिया आपने, जितनी जल्द जाग जायें उतना ही बेहतर होगा. हार्दिक शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  16. अति सुन्दर ,भावपूर्ण रचना ...

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  17. बहुत अच्छे विचार एवं भाव

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  18. भावपूर्ण अभिव्यक्ति....

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  19. सच कहा है ... अब समय आ गया है इन हवाओं का रुख मोड़ने का समय आ गया है ...

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आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना