प्रस्तुत हैं सात हाइकु .. --;
गुम है मीता
मौन हुई निगाहें
मन भी रीता
[मीता--सखा /friend] |
तस्वीर मौन
अंतहीन प्रतीक्षा
खुद को भूले !
|
रुकावट राह की फिरी नज़र |
नयन भीगे
सलवटें माथे पे
कलाई सूनी.
|
पाषाण मन
अंतर बहे लावा
आँखों का नीर !
|
धुंध हुई गहरी नहीं हैं ' हम' ! |
उनका प्रतिबिम्ब
घुलता चाँद ~~-अल्पना वर्मा ~~ |
हाइकु कविता के संबंध में संक्षिप्त जानकारी-:
- हाइकु/हायकू हिन्दी में १७ अक्षरों में लिखी जानेवाली सब से छोटी कविता है.
- तीन पंक्तियों में पहली और तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर और दूसरी पंक्ति में ७ अक्षर होने चाहिये.
- संयुक्त अक्षर ex:-प्र. क्र , क्त ,द्ध आदि को एक अक्षर/वर्ण गिना जाता है.
- शर्त यह भी है कि तीनो पंक्तियाँ अपने आप में पूर्ण हों.[न की एक ही पंक्ति को तीन वाक्यों में तोड़ कर लिख दिया.]
- हाइकु कविता ' क्षणिका' नहीं कहलाती क्यूंकि क्षणिका लिखने में ये शर्तें नहीं होतीं
ठहरा पानी
ReplyDeleteउनका प्रतिबिम्ब
घुलता चाँद
वाह ।
सुंदर भावभरे हाइकू ।
हाइकू की सक्षम तकनीक से परिचित नहीं हूँ।
ReplyDeleteअच्छे लगे! चित्रों ने भी अपना काम किया है।
आभार।
बहुत खूब अल्पना जी ..हर हायकू लाजवाब
ReplyDeleteशब्द, चित्र और भाव, एक दूसरे के प्रेरक और पूरक।
ReplyDeleteबहुत सुंदर हायकू...
ReplyDeleteकिसी मन के केन्वेस पर ... भावों से उभरे चित्रों को ... इन छोटी सुन्दर कविताओं {हाइकू } में ढालने के लिए ... जो नज़र भगवान ने आपको दी है ... उसके लिए .... HATTS OFF
ReplyDeleteSA Feroz
sundar
ReplyDeletebehtareen
saare ek se badh kar ek:)
चित्रात्मक हायकू पहली बार देखा ...और हायकू के बारे में बहुत अच्छी जानकारी भी ...शुक्रिया ...आभार http://drakyadav.blogspot.in/
ReplyDeleteलाजवाब हाइकू... और इसके बारे में जानकरी के लिए विशेष आभार... |
ReplyDeleteसादर |
Beautiful. Yuon to sab bahut sundar hain par aaj No 5 is my favorite.
ReplyDeleteबहुत खूब,
ReplyDeleteहायकू ये सुन्दर,
क्या बात है।
बहुत ही सुंदर हाईकू. इनके बारे में आपने जानकारी जोड दी जो लोगों के बहुत काम आयेगी. बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
आपने हाइकू के बारे अच्छी जानकारी दी है अल्पना जीा हाइकू के बारे सुना था और इसे मैं क्षणिकाएं समझता था, लेकिन आपने पूरी तरह समझा दिया है कि हाइकू क्या है, धन्यवाद
ReplyDeleteआदरणीया अल्पना जी !
हाइकु भी अच्छे लगे और जानकारी भी
:)
इस पोस्ट को कुछ दिन पहले पढ़ लिया था , लेकिन कमेंट छप नहीं पाया था तब ...
पोस्ट और कमेंट दोनों के ही तिथि वार नज़र नहीं आ रहे ... कोई गड़बड़ी है तो सुधारलें ...
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
हायकू कविता की विधा से परिचय करने के लिए आभार ,आपसे परिचय से प्रेरित होकर हमने भी इस विधा में हाथ आजमाया है ,जिसपे आपकी प्रतिक्रिका मिली ,बहुत ही सुखद लगा ,मेरे चिट्ठे पे पधारने और प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत साधुवाद
ReplyDeleteसुंदर हायकू! क्या इन्हें शेअर करने की अनुमति आप दे सकते? मै मराठी भाषा मे जो हायकू लिखना चाहते हैं उनको उदाहरणार्थ आपके हायकू पेश करना चाहता हूँ.
ReplyDeleteHaan Vilaas ji..Aap avshy inhen share kar sakte hain.
DeleteAbhaar,
Alpana
धन्यवाद!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
Delete