जीवन में घटने वाली छोटी -छोटी घटनाएँ भी कितना कुछ सिखा जाती हैं ,यह पिछले तीन दिनों में अनुभव किया।
बीमार पड़ना या मरीज दिखना/कहलाना मुझे कतई पसंद नहीं ,बहुत खराब लगता है।
मंगलवार को खेल के मैदान में एक खेल के दौरान एक छोटी- सी दुर्घटना में मुझे भी थोडा चोट लगी।
हाल-चाल पूछने वालों का तांता लग गया ! शुभचिंतकों द्वारा हाल-चाल पूछने पर कैसे लगता है इसका अनभव हुआ।
सब को एक ही बात दोहराती कि क्या हुआ था/ कैसे हुआ था अब क्या हाल है.
[बीमार पड़ने पर दुःख के साथ ऐसी सुखानुभूति भी होती होगी जानती न थी!]
लेकिन दूसरी और तीन दिनों में जिस ने भी 'गेट वेल सून' /सांत्वना सन्देश भेजे या कहे ,
उन सभी के प्रति सॉफ्ट कोर्नर तो होना हुआ ही ,साथ यह अनुभव भी हुआ कि भले ही मिलने जा सको या नहीं लेकिन कभी भी किसी के दुःख के समय में उसे दो शब्द ज़रूर कहने चाहिये चाहे फोन से चाहे /इमेल से चाहे /कागज़ के टुकड़े से /चाहे किसी के हाथ सन्देश दे कर मगर सांत्वना के दो शब्द बीमार का मनोबल बढ़ाने हेतु ज़रूर पहुंचा देने चाहिये।
उन सभी के प्रति सॉफ्ट कोर्नर तो होना हुआ ही ,साथ यह अनुभव भी हुआ कि भले ही मिलने जा सको या नहीं लेकिन कभी भी किसी के दुःख के समय में उसे दो शब्द ज़रूर कहने चाहिये चाहे फोन से चाहे /इमेल से चाहे /कागज़ के टुकड़े से /चाहे किसी के हाथ सन्देश दे कर मगर सांत्वना के दो शब्द बीमार का मनोबल बढ़ाने हेतु ज़रूर पहुंचा देने चाहिये।
बड़े लोग सब सिखाते हैं कि ऐसा करना चाहिये मगर ..इस घटना से पूर्व में इतना सतर्क नहीं रहा करती थी .वैसे भी औपचारिकताओं का विभाग पतिदेव बखूबी संभालते हैं और बताते रहते हैं कि मुझे क्या करना चाहिये इसलिए भी मैं लापरवाह थी!
ईमानदारी से कहूँ तो इस से पूर्व मैं ने कभी इस बात पर गंभीरता से नहीं सोचा था मगर स्वयं के साथ हुई घटना और अनुभव से यही सीखा कि सुख में चाहे किसी से दो शब्द बोलो या न बोलो।।लेकिन दुःख -तकलीफ में ज़रूर कह देने चाहिये और अब तो फेसबुक/मोबाइल का ज़माना है इसलिए यहाँ सांत्वना /संवेदनाएं/ शुभकामनाएँ कॉपी -पेस्ट भी करें मगर करें ज़रूर ..
ईमानदारी से कहूँ तो इस से पूर्व मैं ने कभी इस बात पर गंभीरता से नहीं सोचा था मगर स्वयं के साथ हुई घटना और अनुभव से यही सीखा कि सुख में चाहे किसी से दो शब्द बोलो या न बोलो।।लेकिन दुःख -तकलीफ में ज़रूर कह देने चाहिये और अब तो फेसबुक/मोबाइल का ज़माना है इसलिए यहाँ सांत्वना /संवेदनाएं/ शुभकामनाएँ कॉपी -पेस्ट भी करें मगर करें ज़रूर ..
ये सब जीवन भर याद रहने वाली बातें हैं।
कम से कम मैं तो यह नहीं भूल सकती कि किस-किस ने मुझे अपने सांत्वना सन्देश भेजे / किस ने फोन किया/किस ने कैसे बात की![और किस ने नहीं याद किया वो भी ! :)] ]
एक छोटी- सी घटना ने मुझे दर्द -तकलीफ तो दी मगर एक अच्छी अनमोल सीख भी दे डाली।
चिंता की कोई बात नहीं है, फिलहाल बेहतर हूँ .२ दिन की सिक लीव पर हूँ ,उस पर फ्लू भी है जिसकी दवा मुझे आधी बेहोशी में रखे हुए है ,बाकी आधा दिन तो नींद में जाता ही है !
पहले तो आपके स्वास्थय की कामना है कि आप शीघ्र पूर्ण रूप से स्वस्थ हों | अपने अनुभव को शेयर करने के लिए व नई सीख के लिए नमन |
ReplyDeleteस्वास्थ्य लाभ करें, शीघ्र ही..
ReplyDeleteजीवन के हर घटना से एक नई अनुभूति होती है. आपको भी हुआ .जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा . जल्दी ठीक हो जाइये और फुर्सत में कभी मेरे ब्लॉग में आइये .
ReplyDeleteजीवन के हर घटना से एक नई अनुभूति होती है. आपको भी हुआ .जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा . जल्दी ठीक हो जाइये और फुर्सत में कभी मेरे ब्लॉग में आइये .blog ka samarthan kare ; http://kpk-vichar.blogspot.in
ReplyDeleteये अनुभव जिंदगी की सौगात बन जाते हैं . दुःख में दी गयी सांत्वना हमेशा याद रहती है !
ReplyDeleteशीघ्र स्वास्थ्यलाभ की शुभकामनायें !
sahi kH aapne ...ab aap bataiye ..kaisi hain aap ?
ReplyDeleteहम आपके शीघ्र स्वास्थ्य -लाभ की कामना करते हैं।
ReplyDeleteआप इस लिंक पर दी गई स्तुति का सहारा लेकर शीघ्र स्वस्थ्य लाभ प्राप्त कर सकती हैं। ---
ReplyDeletehttp://www.facebook.com/photo.php?fbid=438073346254647&set=o.331682593586639&type=1&theater
शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की शुभकामनायें !
ReplyDeleteहमें तो अभी पता लगा ... अपनी सारी चोटें, दर्दें , दुख और ग़म हमको देदें .. भगवान से प्रार्थना है कि आप जल्द स्वस्थ हो जाएँ
ReplyDeleteशुभचिंतक
SA FEROZ
get well soon... ummid karta hoon jaldi thik hongee aap:)
ReplyDeleteLiked your post but did not like that u got unwell . Wish you get well real soon !
ReplyDeleteदर्द से दर्द की पहचान होती है..
ReplyDeleteआशा है कि आप स्वस्थ हो गयी होंगी..
भारत से आभार..
आपका इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (24-11-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
ReplyDeleteसूचनार्थ!
बहुत बढ़िया पोस्ट ।
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट-गुमशुदा
आपके ब्लॉग को यहाँ शामिल किया गया है- ब्लॉग"दीप"
पहले तो बता दूँ अल्पना जी मैं चर्चामंच के माध्यम से पहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ जुड़ भी गई हूँ आपके ब्लॉग से आपकी बहुत अच्छी पोस्ट पढ़ी सबसे पहले तो मैं भी कहूँगी गेट वेळ सून जिंदगी में हर कदम पर देर सबेर इंसान कुछ न कुछ सीखता है पर यह सच है अपने आप जब किसी दौर से गुजरते हैं तो अनुभव हमें जल्दी सिखाता है बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर स्वस्थ हो जाएँ तो मेरे ब्लॉग पर भी आना आपका स्वागत है hindikavitayenaapkevichaar.blogspot.in
ReplyDeleteget well soon
ReplyDeleteअल्पना जी आप को फेसबुक पर स्तुति उस लिंक पर नहीं मिली तो इसका कारण आपके द्वारा अपना प्रोफाईल डीएक्टिवेट करना हो सकता है। आपको मेल किया था मिला होगा।
ReplyDeleteवैसे 'जनहित मे'ब्लाग पर इस लिंक मे भी आप वह स्तुति देख सकती हैं।
http://janhitme-vijai-mathur.blogspot.in/2012/11/27-2011-24-2011-ibn7-2012-23.html
आप सभी की शुभकामनाओं का तहे दिल से आभार.आप की दुआओं से अब मैं काफी हद तक अच्छी हूँ.
ReplyDeleteआपकी अस्वस्थता का पता आज इस पोस्ट से चला, आप हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहें यही शुभकामनाएं हैं.
ReplyDeleteरामराम