संयुक्त अरब एमिरात की राजधानी अबू धाबी में स्थित शेख ज़ायेद मस्जिद दुनिया की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक है.यहाँ का झाड फानूस गिनिस वर्ड रिकॉर्ड में सबसे बड़ा फानूस होने का सम्मान पा चुका है.
चित्रों पर क्लिक कर के उन्हें उनके मूल आकार में देखेंगे तब वास्तविक सुंदरता दिखाई देगी.
All pictures posted here are taken by me.
इस मस्जिद के बारे में कुछ जानकारियाँ-
Please check the website for further information.
Reference -
-http://www.szgmc.ae/en/theory-and-implementation
http://www.visitabudhabi.ae/en/szm.aspx
http://www.szgmc.ae/en/message-of-the-mosque
Visiting hours -Thursday (30th June): 10am, 11am, 2pm, 5pm and 8pm
Friday (1st July): 2pm, 5pm and 8pm
Saturday (2nd July): 10am, 11am, 2pm, 5pm and 8pm
Please check timing before visiting .इसे भीतर से देखने के लिए जाति -देश-धर्म आदि का कोई बंधन नहीं है .न ही कोई प्रवेश शुल्क और न ही फोटोग्राफी पर प्रतिबन्ध.इस इबादतगाह की खूबसूरती सभी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.भवन के भीतर का सौंदर्य तो बेहद मनमोहक है. हम शाम के वक्त यहाँ पहुंचे थे तब शाम की नमाज़ का समय था इसलिए हम तब तक बरामदे ओर वहाँ के खम्बों ओर फव्वारों का आनंद लेते रहे.उसके बाद मस्जिद का भीतरी भाग देखा और वहाँ की खूबसूरती को इन तस्वीरों में क़ैद किया.
चित्रों पर क्लिक कर के उन्हें उनके मूल आकार में देखेंगे तब वास्तविक सुंदरता दिखाई देगी.
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जी हाँ,ये मैं ही हूँ. |
इस मस्जिद के बारे में कुछ जानकारियाँ-
- यहाँ प्रवेश के लिए कोई टिकट नहीं है .कपड़े शालीन पहने होने चाहिए.
- इसका निर्माण कार्य नवंबर ५ , १९९६ से शुरू हुआ था.
- २००७ को ईद -अल - अधा के दिन से इसे सर्व साधारण के लिए खोल दिया गया था.
- शुरूआत में इसका शिल्प मोरोकन शैली में तय किया गया था.
- लेकिन बाद में इसमें कई ऐसी विशेषताएँ जुडी जिससे आज यह विश्व के कई देशों की खुशबू समेटे हुए दिखता है . “globally unifying”landmark कहे जाने के पीछे यह कारण है कि इसके बनने में सामान/शिल्पकार/निर्माण कराने वाली कम्पनियाँ आदि विश्व के विभिन्न कोनों से आये .
- निर्माणकार्य में ये देश भागीदार बने -भारत,इटली ,मोरोको ,ईरान,तुर्की ,जर्मनी, ग्रीक,चाइना और यू.ऐ.ई..
- ३,००० कारीगर ओर ३८ construction companies निर्माण कार्य में लगे थे.
- इसके डिजाईन में स्वर्ण धातु के अतिरिक्त कीमती पत्थर,संगमरमर ,क्रिस्टल,सिरेमिक आदि का प्रयोग किया गया है.
- कुल क्षेत्रफल ' 22,412 वर्ग मीटर 'को घेरे हुए इस मस्जिद में सफ़ेद संगमरमर के ८२ गुम्बद ,१०७ मीटर ऊँची चार मीनारें ,७,८७४ मीटर वर्ग फीट में बने पानी के कृत्रिम ताल मस्जिद को घेरे हुए दिखाई देते हैं.रात को इस ताल में मस्जिद की परछाईं बेहद मोहक लगती है.
- इटालियन संगमरमर और उनपर बने फ़ूलों के चित्र दीवारों पर हैं.
- मुख्य इबादत स्थल [हॉल] की भीतरी दीवारों पर २४ केरेट सोने की कांच पर [मोजेक] चित्रकारी है.
- इसी हॉल में दुनिया का सबसे बड़ा कालीन बिछा हुआ है जिस पर हम चल कर उसकी कोमलता अपने पाँव में महसूस कर सकते हैं.७,११९ वर्ग मीटर के इस पर्शियन कालीन के बनने में ३० मिलियन दिरहम खर्च हुए.
- मुख्य आकर्षण इसी हॉल में लगे दुनिया का सब से बड़ा झाड फानूस है इसका वजन ८-९ टन है.यह ख़ास जर्मनी से बन कर आया है और इस पर २४ केरेट सोने की परत लगी है तथा हजारों महंगे स्वारोवस्की क्रिस्टल लगे हुए हैं.
- क़िबला दीवार पर अल्लाह के ९९ नाम लिखे हुए हैं जो कूफी केलिग्राफी में लिखे गए हैं.
- कलात्मक सिरेमिक टाईल वाले ८० Iznikpanels को तुर्की के कारीगर ओथमन आगा ने डिजाईन किया है.
- इस मस्जिद में ४०,९६० लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं.
Please check the website for further information.
Reference -
-http://www.szgmc.ae/en/theory-and-implementation
http://www.visitabudhabi.ae/en/szm.aspx
http://www.szgmc.ae/en/message-of-the-mosque
Visiting hours -Thursday (30th June): 10am, 11am, 2pm, 5pm and 8pm
Friday (1st July): 2pm, 5pm and 8pm
Saturday (2nd July): 10am, 11am, 2pm, 5pm and 8pm
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This is the 6th largest mosque in the world
[Based on a combination of area and capacity, the following is the ranking of the 6 largest mosques in the world:]
1. Grand Mosque in Mecca2. Prophet's Mosque in Medina 3. King Hassan II Mosque in Casablanca
4. Faisal Mosque in Islamabad5. Badshahi Mosque in Lahore6. Sheikh Zayed Mosque in Abu Dhabi
[Based on a combination of area and capacity, the following is the ranking of the 6 largest mosques in the world:]
1. Grand Mosque in Mecca2. Prophet's Mosque in Medina 3. King Hassan II Mosque in Casablanca
4. Faisal Mosque in Islamabad5. Badshahi Mosque in Lahore6. Sheikh Zayed Mosque in Abu Dhabi
इस परिचय के लिए आभार।
ReplyDelete------
ओझा उवाच: यानी जिंदगी की बात...।
नाइट शिफ्ट की कीमत..?
ये दुनिया की भी सबसे बडी मस्जिद कहलाती है
ReplyDeleteतस्वीरों के माध्यम से भ्रमण अच्छा लगा। जानकारी भी बढ़ी - लेख के माध्यम से।
ReplyDeletebahut bahut shukriya Alpnaa ji
ReplyDeletewaaqai bahut khoobsoorat hai
चित्रों के माध्यम से स्थापत्य कला का मनोहारी दृश्य आपने प्रस्तुत किया.यह अच्छी बात है सबके लिए प्रवेश खुला है और चित्रांकन करना भी.वृन्दावन के बनके बिहारी मंदिर में आप को फोटो नहीं खींचने दिए जायंगे,वहाँ पर्दा क्यों किया जाता है?
ReplyDeleteबहुत ही रोचक और नयी जानकारी दी आपने.
ReplyDeleteसादर
बहुत खूबसूरत !
ReplyDeleteचित्र देख कर आँखें फटी की फटी रह गयीं...क्या ख़ूबसूरती है...सुभान अलाह...खुदा की इबादत के लिए क्या इतनी आलिशान बेमिसाल इबादत गाह चाहिए ??
ReplyDeleteजानकारी का शुक्रिया...
नीरज
nice pics...
ReplyDeletebehad khoobsoorat , aise lagaa jaise doosri hi duniya me a gaye hon ...description ka bhi shukriya ..
ReplyDeleteअबू धाबी में स्थित शेख ज़ायेद मस्जिद की खूबसूरती को हम सब तक पहुचने के लिए आपको बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र...
ReplyDeleteबड़े प्यारे चित्र और अच्छी जानकारी...
ReplyDeleteआपकी एक पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है
ReplyDeleteuff.......har drishya ek se badh kar ek...wah!!
ReplyDeleteachchha laga aapke iss masjid me chakkar lagana..!
सुन्दर तस्वीरों द्वारा अबू धाबी में स्थित शेख ज़ायेद मस्जिद की खूबसूरती से साक्षात्कार कराने हेतु हार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
ReplyDeleteवाह, बहुत खूबसूरत.
ReplyDeleteघर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए।
bahut hi sundar - wah !!
ReplyDeletealpana di maine to is masjid ka naam bhi nahi suna tha .aapke dwara hi pata chala.
ReplyDeleteaapne to swayam dekha hai par ham tasveeron ko dekh kar hi aanand utha rahe hain .
iske baare me jo aapne jankari di uske liye bahut bahut dhanyvaad
badhai sahit
poonam
बेहद खूबसूरत निर्माण है , अगर यह चित्रों में इतनी भव्य है तो वास्तविक सुन्दरता की कल्पना की जा सकती है ! शुभकामनायें आपको अल्पना जी !
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई! आज के 'हिंदुस्तान' में आपकी यह पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteसादर
बेहतर आर्किटेक और नायाब शिल्प का यह अनोखा संगम किसी करिश्मे से कम नहीं है. तस्वीरें भी बेहद खूबसूरत हैं. आपने इस अनूठी इबादतगाह पर बहुत अच्छा आलेख तैयार किया है, हार्दिक बधाई और आभार.
ReplyDeleteव्योम के पार एक अलग दुनिया में ले गया. मन प्रसन्न हो गया यहाँ आकर. गीत, संगीत, आलेख, कविता, रोचक जानकारियाँ और घर बैठे सैर, सबकुछ है यहाँ. पुनः आभार.
@यशवंत ,
ReplyDeleteआप ने इस लेख के 'हिंदुस्तान 'अखबार में छपने की खबर और उसकी कटिंग मुझ तक पहुंचाई .
बहुत-बहुत धन्यवाद.
जिसकी बनाई कायनात इतनी सुन्दर है वह खुद कैसा होगा ?
ReplyDeleteइतनी खूबसूरत है यह मस्जिद ....!
ReplyDeleteअल्पना जी मेरा आप से एक ख़ास निवेदन है, बल्कि जो भी अल्पना जी का ब्लॉग पढता है उन सभी से मेरा निवेदन है की एक पोस्ट व्रत और व्रत में कौन कौन से खाद्य पदार्थ स्वीकार्य हैं उन पर एक लेख लिखा जाए, बहुत से लोग व्रत में सूजी का हलवा खाते हैं और मुझे जानना है की क्या सूजी का हलवा व्रत में स्वीकार्य है?
ReplyDeleteअभी तक इसको देखा नहीं पर अब आपकी नज़रों से देखने और जानने के बाद और भी मज़ा आएगा मुझे पूरा विश्वास है ... इतनी सारी जानकारी मुझे भी नहीं थी इस मस्जिद के बारे में ...
ReplyDelete@अनामी जी मैं इस का कारण नहीं जानती.
ReplyDelete@दिगंबर जी कोशिश करें कि शाम के समय ही पहुंचे इससे जब अँधेरा होगा तो वहाँ की ख़ास रोशनी भी देख सकते हैं .गुम्बदों और मीनारों पर बहती सी नीली सफ़ेद -रोशनी 'आती -जाती बहुत अच्छी लगती है .वह रोशनी..खूबसूरती..बयाँ नहीं कर सकती मैं ने उसकी भी विडियो ली तो है लेकिन उसे एडिट करके लगानी है.रोशनी वाली बात मैं पोस्ट में लिखना भूल गयी.
--हाँ,पानी में प्रतिबिम्ब भी बड़े सुन्दर लगते हैं .
अनामी जी
ReplyDeleteमान लो आप सुबह उठे और यह व्रत ले कि आज पूरा दिन मैं अमुक भगवान के निमित्त सूर्यास्त तक जल ग्रहण नहीं करूँगा और ना ही कुछ खाऊंगा और आप इस का पालन करते हैं तो आपने व्रत निभाया और यदि आप ये व्रत करते कि मै आज एक वक्त सूजी का हलवा खाऊंगा और कुछ भी नहीं ....
किसी भी देव के निमित्त आप कोई भी निश्चय कर के उस का तय वक्त तक पालन करो वो ही व्रत होता है और यदि कथा मे लिखी विधि से करो तो वो भी ठीक है.
यदि आप ये व्रत लो कि मैं नाम के साथ टिप्पणी करूँगा तो भी वो व्रत भी ठीक है .
कोई मस्जिद इतना सुन्दर भी हो सकता है इसकी कल्पना न थी...और उससे भी बढ़कर , किसी मस्जिद में is तरह सामान्य सर्वधर्म के लोग घूम सकते हैं,यह अपार आश्चर्य का विषय है मेरे लिए...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार is विशेष जानकारी के लिए....
बहुत ही रोचक लगा...
धन्यवाद दर्शन लाल जी, मुझे हमारे पंडित जी ने २८ रविवार करने को कहा है, यह उन्होंने ने करियर में सफलता के लिए कहा है, और उन्होंने ने यह भी कहा था की उस दिन मुझे भगवान् को सूजी के हलवे का और चने का भोग देना है, पूरे दिन भूखा रहना मेरे बस का तो नहीं है, मैं तो फलाहार कर लेता हूँ. पर मुझे यह अच्छे से ज्ञात नहीं है की फलाहार में कौन कौन से खाद्य पदार्थ स्वीकार्य हैं. पर आपका लिखा पढ़ कर मुझे समझ आ गया है की जो आपने निश्चय किया है बस उसी को पूरा करें. अभी तो मैं आलू, साबूदाने की खिचड़ी बना लेता हूँ.
ReplyDelete@अनामी टिप्पणीकर्ता ने जो विषय उठाया है वह अपनी जगह सही हो सकता है ,उन्हें अपना जवाब भी प्राप्त हो गया है.
ReplyDeleteमैं इस विषय पर और कोई भी टिप्पणी प्रकाशित नहीं कर सकूँगी क्योंकि यह विषय इस पोस्ट के संदर्भ में नहीं है .
चाहे तो इस विषय के जानकार लोग अपनी पोस्ट का विषय बना सकते हैं]
@रंजना जी ,यह देश जहाँ ७२ देशों के लोग एक साथ रहते हैं , religious tolerance का एक सुन्दर उदाहरण है.As per the offical site=
ReplyDeleteThe Message of the Mosque
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Inspired by the instruction of the Holy Quran which promotes the concept of tolerance, love and mutual understanding between different cultures, Sheikh Zayed Grand Mosque seeks to achieve positive interaction with other cultures. Sheikh Zayed Grand Mosque introduces a vision of tolerance rooted in the traditions of the golden Islamic era. Traditions based on respect and exchange of ideas for the enrichment of human life and history. Additionally, the mosque aims to serve as a platform to enhance culture and knowledge in Abu Dhabi and the surrounding region through organizing a variety of activities seeking to promote a culture of tolerance, love, rationality and mutual dialogue.
सुन्दर चित्रों के साथ बहुत अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार.
शेख ज़ायेद मस्जिद की खूबसूरती से हम हतप्रभ हैं. आभार.
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