कई दिनों से धूल भरी आंधियां चल रही थीं.
एक दम से गरमी बढ़ गयी थी लेकिन कल रात हुई बरखा रानी ने मौसम ही बदल दिया.
सुबह भी बादल जैसे थे.
भारत में होली का मौसम है ,माहोल है.मुझ से कल ही एक टिप्पणी में यह पूछा गया था
कि हम यहाँ कैसे होली मनाते हैं?
तो.... यहाँ होली अपने घर में गुलाल लगा कर मना लेते हैं .अगर social सेंटर में सरकारी अनुमति मिल गयी तो वहाँ १-२ घंटा खेल सकते हैं [निर्धारित समय और दिन पर] लेकिन
ऐसा कोई उत्साह या रौनक इस बार नहीं है.
कभी कभी अपने घरों में छोटा सा आयोजन रख लिया तो रख लिया लेकिन इन दिनों बच्चों के एक्साम चल रहे हैं तो इस बार सब शांत हैं!
दुबई में मारवाड़ी /गुजराती समाज के लोग बहुत हैं इसलिए वहाँ फिर भी आप रौनक देख सकते हैं लेकिन अबूधाबी क्षेत्र में स्थिति थोड़ा अलग है .
दुबई में एक पार्क है जहाँ हर साल इस का आयोजन किया जाता है एक साथ मिल कर सामूहिक होली खेली जाती है.दुबई तो दुबई है!:)
****आप सभी को रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें ****
छलक-छलक जाएं बदरा से रंग,
ReplyDeleteसंवर संवर गए देखो फागुन के ढंग !
मन को छूने वाली पंक्तियां.
आप सभी को होली की शुभकामनायें
अच्छी जानकारी. आपको सपरि्वार होली की बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteहोली मुबारक .शुभकामनाएं
ReplyDeleteमीठी व प्यार भरी,गुझिया तो खाओ,
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ!
सुन्दर रचना
होली मुबारक हो
मन में रंग भरिये...तन के रंग तो फिर भी छूट जाते हैं...बहुत सुन्दर रचना पढने को मिली है आपकी पोस्ट में...होली की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनीरज
अल्पना जी आप और आपके परिवार को रंगो की होली की ढेरों शुभकामनाएं। होली के दिन रंगो से भरी, शब्दों से खिली, और मीठी गुंजियाँ के संग बहुत सुन्दर और बेहतरीन पोस्ट लगाई है आपने। और इस मौके पर आपकी आवाज में होली का कोई गीत हो जाता तो सोने पे सुहागा हो जाता है। खैर ....। आनंद आ गया जी।
ReplyDeleteअल्पना जी, आदाब
ReplyDelete.....धरती ने ओढ़ ली है रगों की चुनरिया
बासंती पवन घूमे इस उस डगरिया...
बेहतरीन रचना.
होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
छलक-छलक जाएं बदरा से रंग..
ReplyDeleteवाह क्या अभिव्यक्ति है,यहाँ तो धूम मची है.
आपको होली की शुभकामनाएं .
होली के रंगों की तरह खूबसूरत रचना। आपको सप्रिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteहोली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और ढेरो बधाई ...
ReplyDeleteहोली के रंगों की तरह खूबसूरत पोस्ट।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं.
सुंदर
ReplyDeleteगुझिया देख के तो मुह में पानी आ गया
होली की बधाई.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर फाग कविता है...
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ! Waah Waah!
वाकई खूब रंग बरसा है इस बार ब्लॉग पर...
आपको सपरिवार होली की बधाई.
मीठी व प्यार भरी,गुझिया तो खाओ,
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ!
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
दुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
sunder manmohak holi kavita. aur chitron ne to rang doona kar diya. gunjhia kha rahe hain alpana ji, aap bhi khaiye.
han ek baat aur , jo kahna bhool gaya, holi ki apko aur pariwar ko hardik mangalkaamnayen.
ReplyDeleteहोली के पावन अवसर पर लाजवाब प्रस्तुति , आपको होली की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकानायें ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई !!
ReplyDeleteधरती ने ओढ़ ली है रंगों की चुनरिया,
ReplyDeleteबासंती पवन घूमे इस उस डगरिया!
मस्ताने डोल रहे करते हुडदंग,
सखियाँ भी छोडे़ नहीं, करती हैं तंग।
.... बहुत सुन्दर ... होली की हार्दिक शुभकामनाएं!!
होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
ReplyDeleteयहां तो घर की मुर्गी दाल बराबर है. आप ज़्यादा अच्छे से समझ सकती हैं इन त्यौहारों का महत्व. ढेरों मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteभल्ले गुझिया पापड़ी खूब उड़ाओ माल
ReplyDeleteखा खा कर हाथी बनो मोटी हो जाए खाल
फिरो मजे से बेफिक्री से होली में,
मंहगाई में कौन लगाए चौदह किला गुलाल
http://chokhat.blogspot.com/
alpana didi
ReplyDelete'Bright colors, water balloons, lavish gujiyas and melodious songs' are the ingredients of perfect Holi. Wish you a very happy and wonderful Holi.
- alka
जब कोई बात बिगड़ जाए
ReplyDeleteजब कोई मुश्किल पड़ जाए तो
तो होठ घुमा सिटी बजा सिटी बजा के
बोलो अल्पनाजी "आल इज वेल"
हेपी होली .
जीवन में खुशिया लाती है होली
दिल से दिल मिलाती है होली
♥ ♥ ♥ ♥
आभार/ मगल भावनाऐ
महावीर
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
ब्लॉग चर्चा मुन्ना भाई की
द फोटू गैलेरी
महाप्रेम
माई ब्लोग
SELECTION & COLLECTION
♥ ♥ ♥ ♥
आभार/ मगल भावनाऐ
महावीर
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
ब्लॉग चर्चा मुन्ना भाई की
द फोटू गैलेरी
महाप्रेम
माई ब्लोग
SELECTION & COLLECTION
मस्ताने डोल रहे करते हुडदंग,
ReplyDeleteसखियाँ भी छोडे़ नहीं, करती हैं तंग।
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
दुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
अल्पना जी,
होली कि शुभ कामनाओं का निराला अंदाज पसंद आया.बहुत सुन्दर कविता है.
आपको और आपके परिवार को होली की शुभ कामनाएं
होली के अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteअल्पना जी !
ReplyDeleteआपको सपरिवार शुभकामनायें !
अपने बहुत अच्छी जानकारी दी. अक्सर लोग दुबई को ही सब मान लेते है. जबकि दुबई और अबुधाबी मे काफ़ी फ़र्क है. जैसा कि आपने बताया ..शायद अबुधाबी मे उत्तर भारतीय समाज कम है इसलिये होली की कोई रौनक नही हो पाती.
ReplyDeleteकविता बहुत ही सुंदर. आपको होली की घणी रामराम.
रामराम
कविता बहुत अच्छी लगी....
ReplyDeleteआपको सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
हैप्पी होली।
ReplyDeleteमीठी व प्यार भरी,गुझिया तो खाओ,
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ!
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
दुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
gujiyaan to aesi sajai hai ki wahi se swad de rahi hai ,is pavan parv ki haardik shubhkaamnaaye .
वाह!!! होली के शुभ अवसर पर आपने एक साथ कई तोहफ़े दे दिये. एक अच्छी सी पोस्ट, एक प्यारी सी कविता, एक नटखट सा कार्टून और कई मीठी-मीठी गुझिया.
ReplyDeleteआपको भी होली की ढेर सारी शुभकमनाएँ !!
बढ़िया जानकारी मिली..अच्छा गीत!!
ReplyDeleteये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
यह जानकर अच्छा लगा .. होली की शुभकामनायें ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ! आभार ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें ।
होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteहोली में डाले प्यार के ऐसे रंग
ReplyDeleteदेख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
Wish you a very happy colourful Holi Alpana..
ReplyDeleteholi ke saahityik rang me rangna bahut achha lagtaa he.., bahut sundar rachna jab mil jaati he to is rang ka nashaa aour chadne lagtaa he..., aapko hili ki aatmiya shubhkamnaye/
ReplyDeletehili- holi*
ReplyDeleteटूट जाए हर बन्ध
ReplyDeleteशब्दों का रचे छंद
महके महुआ की गंध
छलके फ्लाश रंग
मिटे हर दिल की दूरी
आओ खेले होली ..
होली की बधाई अल्पना जी बहुत पसंद आई रचना शुक्रिया
SUNDAR KAVITA HAI HOLI PAR .. HAMAARE DUBAI MEIN TO HOLI KE RANG BIKHARTE HAIN PAR HOLI WAALE DIN NAHI ... 5 MARCH KO 2-3 JAGAH HOLI KA TYOHAAR MANAAYA JAAYEGA .. APNE HI ANDAZ MEIN ...
ReplyDeleteAAPKO AUR AAPKE SAMAST PARIVAAR KO HOLI KI BAHUT BAHUT MANGAL-KAAMNAAYEN ..
आपको रंगपर्व की हार्दिक शुभकामनांए.
ReplyDeleteaLPANA jI,
ReplyDeleteRANG BIRANGI HOLI KI SHUBH KAAMNAYEIN
Kavita Ke Madhyam Se Holi Ka Shandaar Chitr Khicha Hai.
SurinderRatti
कविता तो अच्छी है लेकिन गुजियों की टोकरी
ReplyDeleteजी ललचा गया
रंग लेकर के आई है तुम्हारे द्वार पर टोली
उमंगें ले हवाओं में खड़ी है सामने होली
निकलो बाहं फैलाये अंक में प्रीत को भर लो
हारने दिल खड़े है हम जीत को आज तुम वर लो
मधुर उल्लास की थिरकन में आके शामिल हो जाओ
लिए शुभ कामना आयी है देखो द्वार पर होली
धूल भरी आंधियां चल रही थी...
ReplyDeleteइस पंक्ति को पढ़ते ही मैंने पाया कि आप मेरे आस पास ही हैं कहीं. मौसमों की भी ये अजब आदत हुआ करती है कि वे अपने साथ जिन लम्हों को लाते हैं उन्हें हमेशा के लिए छोड़ जाया करते हैं.
आपका गीत बहुत अच्छा है मीठा सा...
धरती ने ओढ़ ली है रंगों की चुनरिया,
ReplyDeleteबासंती पवन घूमे इस उस डगरिया!
मस्ताने डोल रहे करते हुडदंग,
सखियाँ भी छोडे़ नहीं, करती हैं तंग।
धरती ने ओढ़ ली है रंगों की चुनरिया,
बासंती पवन घूमे इस उस डगरिया!
मस्ताने डोल रहे करते हुडदंग,
प्रेम से सराबोर, मनोहारी, भीगी भीगी सी कविता
किशोर की टिप्पणी भी अच्छी लगी
Read more: http://alpana-verma.blogspot.com/2010/02/blog-post_28.html#ixzz0h0jk5F6c
Under Creative Commons License: Attribution Non-Commercial No Derivatives
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को होली की शुभ कामनाएं
इन दिनों अजीब सी ख़ामोशी है आपके ब्लॉग पे ...मसरूफियत ....या कुछ ओर .कुछ मन के भीतर गुजरा हुआ लिखे ..बड़े दिन हुए ...
ReplyDeleteधरती ने ओढ़ ली है रंगों की चुनरिया,
ReplyDeleteबासंती पवन घूमे इस उस डगरिया!
मस्ताने डोल रहे करते हुडदंग,
सखियाँ भी छोडे़ नहीं, करती हैं तंग।
Alpana jee,
Bahut sundar geet---idhar blogs par holee par jo kuchh padh pai un sab men apaka yah geet ekadam alag hai----apko evam parivar ke sabhee sadasyon ko Holee kee mangalkamnayen.
Poonam
ये आपका गुझिया हैम्पर तो गजब ढा रही है -बहुत शुभकामनायें .
ReplyDeleteकविता प्यारी है !
बरस बाद देखो, फिर होली आई,
ReplyDeleteसतरंगी घटा, घिर घिर के छाई।
छलक-छलक जाएं बदरा से रंग,
संवर संवर गए देखो फागुन के ढंग !
अल्पना जी, आपने इस गीत में तो प्रकृति और रंगों की बेजोड़ जुगलबन्दी प्रस्तुत की है---बहुत ही खूबसूरत गीत्। आपको एवम परिवार के सभी सदस्यों को होली की शुभकामनायें। हेमन्त कुमार
shukria,
ReplyDeleteholi ki rachana rochak lagi.
बरस बाद देखो, फिर होली आई,
ReplyDeleteसतरंगी घटा, घिर घिर के छाई।
छलक-छलक जाएं बदरा से रंग,
संवर संवर गए देखो फागुन के ढंग !
अल्पना जी होली के अपने रंग हैं और जिन्दगी के अपने।
अपनी मिट्टी के विरह का जो रंग आपकी मुट्टी में है वह मला जा सकता है उड़ाया नहीं जा सकता है। जब अगली छुट्टियों में आप आयेंगी तो आपकी मुट्ठियां तरबतर होंगी और आपके अपनों के गाल।
होली की बधाइयां। डोली में सजे रंग और ललचाती हुई गुझियां ..आह !..और वाह भी!!!
bahoot achchha lga aapka blog padh kar......
ReplyDeleteमीठी व प्यार भरी,गुझिया तो खाओ,
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ!
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
दुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
अल्पना जी होली की ये कविता बहुत अच्छी लगी ।
सबसे पहले देर से आने के लिए माफ़ी.. उसके बाद ढेर सी बधाई होली की... और इतनी सुंदर, हजारो रंग वाली कविता के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...
ReplyDeleteमीत
अल्पना जी
ReplyDeleteहोली के रंगों से सरोबर बहुत प्यारी सी रचना 1आपकी नई पाठक बनी हूँ 1आशा करती हूँ ये शब्दपथ मीलों की दूरी होते हुए भी हमें साथी बनाएगा 1
शुभकामनाओं सहित
सुमन कपूर ‘मीत’
रंग उड़ें चहुँ दिशा, सूखे और गीले,
ReplyDeleteलाल ,गुलाबी,हरे ,नीले और पीले।
घूमें डगर डगर , मिलकर सब संग,
नाचे और गायें , बाजे ढोल और मृदंग।
alpanaji bahut sunder rang bhara geet hai.aapko der se holi ki shubkamnaye. itane mahino se kuch likh nahi paye nahi padh paye.ghar mein kuch problems hai aur phir comuter bhi nahi tha.jaldi hi blog par laut anne ki koshish karungi.mein bhi aap sabhi ko bahut miss karti hun,aur yaad bhi.aap sabse dur hun isliye maafi chahungi.jaldi anne ke wade ke saath vida leti hun,mehek.
सतरंगी घटा से घिरे बादल से फागुन सज संवर गया |लोगों के नाचने गाने व अनेक रंग में रंगे होने की कल्पना एक जगह बैठ कर करना ,इसने सुखद अनुभूति के साथ एक टीस भी पहुंचाई होगी | हुडदंग और गुझियो की याद भी सताई होगी |यह तो पता नहीं आबू धाबी में कब से हैं मगर यहां की होली का कभी आनंद लिया होगा तो इस दिन को बहुत याद किया होगा
ReplyDeleteखिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
ReplyDeleteदुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
सच ही कहा ।
गुझिया की डलिया तो बहुत ही लुभावनी है ।
kuchh sunane bhi aaya tha aapke blog par .... :) kab aaun... :)
ReplyDeletearsh
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
ReplyDeleteदुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
Kya baat kahi aapne....waah !!!
der hui aane me lekin bina aaye kaise rahte .......kitni mithaas hai
ReplyDeleteआपकी सार्थक टिप्पणी पर धन्यवाद ! यहाँ बहुत कम लोग किसी के लिखे को पढ़ पाते हैं !यहाँ कोई किसी की लेखनी की तारीफ नहीं करता , आपमें अपवाद क्यों ??
ReplyDeleteखैर आपका शुक्रिया अल्पना जी ...औरों से अलग है आप कुछ कुछ...
शुभकामनायें !!
मीठी व प्यार भरी,गुझिया तो खाओ,
ReplyDeleteयाद रहे बरसों ,ऐसी होली मनाओ!
खिलते रहें मधुबन, न हो कई जंग
दुःख रहें दूर , छायें खुशियों के रंग.
Behad sundar rachana hai!
aaj holi dubara kheli .aakhe band kr ke gulal udaya gughiya bhi khai thanks
ReplyDeletees shbd snsar me phir mulakat hogi .aagt ke liye shubhkamnaye
कविता बहुत ही सुंदर.
ReplyDeleteALPANA JI,AAP KA PRASTUTIKARAN BAHUT HI DILKASH HAI.ISE AISE HI BANAYE RAKHIYE.AB AKSAR YAHAN AATA RAHUNGA...SAPREM
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