स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

July 28, 2020

स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India



'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी  Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India

मई ,2020 में 'वन्दे भारत मिशन' की फ्लाइट्स आरम्भ  हुईं तब से प्रतीक्षा थी कि टिकट मिल जाए। दूतावास की साईट पर जाकर रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया था ।जब हमने  (मैं और मेरा परिवार ) अपना रजिस्ट्रेशन करवाया तब ढाई लाख लोग रजिस्टर करवा चुके थे ।जुलाई माह तक यह संख्या पाँच लाख हो गयी । वन्दे भारत फ्लाइट के लिए दूतावास में रजिस्टर कराना आवश्यक है ,जब आप भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर जाएँगे तब आपको यह सन्देश दिखेगा जिसपर क्लिक करके एक फॉर्म खोल पाएँगे,इस फॉर्म को भरकर जैसे ही जमा करेंगे ,आपको फॉर्म के सफलतापूर्वक जमा होने की एक सूचना मिलेगी .


रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भारत जाने का  कारण ,उम्र, रोजगार की स्थिति के अलावा कई और भी बातें बतानी होती थीं जिसके आधार पर दूतावास प्राथमिकता तय करता था कि किसे पहले भेजना है ।जून माह से सुना कि इस मिशन के लिए ट्रेवल एजेंसी के द्वारा यात्रियों को स्वयं   टिकट बुक करने का अधिकार दिया गया ।

जुलाई माह में हमें ट्रेवल एजेंट ने १३ जुलाई के लिए सीट का बुक होना तय बताया।
दो दिन पहले सन्देश आया कि सीट नहीं मिल रही।
पुनः प्रयास जारी रहे कि किसी तरह भारत वापसी की टिकट मिल  जाए ।
इस बीच १२ जुलाई से ३१ जुलाई के लिए मिशन की  १०२ फ्लाइट्स और जोड़ी गयीं ।
अंततः हमारा टिकट उन्नीस  जुलाई की फ्लाइट 'दुबई से दिल्ली 'के लिए पक्का  हो ही गया ।

नौ सौ दिरहम  का एक टिकट [बहुत ही सही ]मूल्य पर मिला।
संभवतः सरकार ने टिकट के मूल्य नियंत्रित किये हुए हैं ।
हमने  भारत सरकार और ईश्वर का धन्यवाद किया!
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में सीट नंबर पहले से बुक करने की सुविधा नहीं है क्योंकि यह एक  विशेष सेवा है ।

Date: 19th July 2020

घर से दुबई एअरपोर्ट जाने के लिए १९ जुलाई की सुबह पाँच बजे गाडी को बुलाया गया ।

























साढ़े सात बजे दुबई एअरपोर्ट पहुँचे । सामान ट्राली में डालकर चल दिए ।
एअरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर ही मरहबा सेवा देने वाली सेविकाएँ मिलीं ।



यह सामान्य स्थिति नहीं थी इसलिए सोचा यह सेवा ले ली जाए , आगे सरलता होगी।
इस सेवा के लिए कुछ मूल्य चुकाना पड़ता है ,
जो चुकाया ।

अब उस कर्मचारी के पीछे -पीछे हम चल दिए ।
(चित्र में देखें )जब हम प्रवेश करते हैं तब एक व्यक्ति कंप्यूटर के साथ बैठा होता है ,हम उसके सामने से गुजरते हैं तब वहाँ लगी एक मशीन थर्मल स्कैन कर लेती है और उसके स्क्रीन पर दिख जाता है कि वहाँ से गुज़रने वाले व्यक्ति के शरीर का तापमान क्या है!

इस तरह,दुबई एअरपोर्ट पर थर्मल स्कैन आपके 'चलते हुए' हो जाएगा ,आपको इसका पता  ही नहीं चलेगा।
आगे , सबका इंस्टेंट covid टेस्ट हो रहा था ,कतार में कुर्सियाँ लगी थीं ।

हमने ‘मरहबा सेवा’ ली थी इसलिए हमको अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी ।

यह इंस्टेंट टेस्ट  अँगुली से एक बूँद खून लेकर एक स्ट्रिप पर रखकर किया जाता है, मेरा भी टेस्ट हुआ ,जिसके नतीजे को देखकर ' फिट टू ट्रेवल ' का स्टीकर पासपोर्ट पर टेस्ट करने वाली स्त्री ने लगाया  ।

इसके बाद एक फॉर्म भरना होता है यह  फॉर्म आप एयर इंडिया एक्सप्रेस की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं ,हमने यह फॉर्म पहले से ही दो कॉपी प्रिंट करके भरकर अपने पास रखे थे ।

इससे हमको इस स्टेप पर आसानी हो गयी ,हमारे फॉर्म वहाँ एयरलाइन्स के कर्मचारी ने  जाँचे। (यह फॉर्म हमको भारत के एअरपोर्ट पर देने हैं ,इसलिए संभाल कर रखें )

अब हम टिकट और पासपोर्ट चेकिंग डेस्क (Check in Counter)पर पहुँचे।

 जहाँ हमारा पासपोर्ट और टिकट चेक किया गया ,सामान का वज़न देखा गया ,कुछ किलो अधिक था जिसके हमने पैसे भरे ,उसके बाद हमको बोर्डिंग पास दिया गया (यहीं आपको सीट नंबर भी दिया जाता है)

बीच की सीट पर बैठने वाले यात्री को पहनने के लिए एयरलाइन्स की तरफ से मुफ्त PPE गाउन दिया जाता है ।

 अब हम दुबई एअरपोर्ट के  इमीग्रेशन पर पहुँचे,जहाँ सभी हैण्ड बैग्स आदि की स्कैनिंग होती है ,क्लीयरेंस मिलने पर अब हम ड्यूटी फ्री में पहुँचे ,कुछ दुकानें खुली थीं ।

 हमको भूख लगी थी ,सामने मेक्डोनाल्ड था वहीँ थोडा जलपान किया ।

यहाँ  खाते समय मास्क हटाया ज़रा राहत मिली! ध्यान रहे हर जगह मास्क लगाए रखना है,ग्लव्स पहनना अनिवार्य नहीं दिखा ।

हमने ग्लव्स पहने थे जो यहाँ आकर उतार दिए । छोटी बोतल सेनिटाइज़र की एअरपोर्ट शॉप से ही खरीदी और साथ रखी ।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के यात्रियों के लिए तय गेट  पर पहुँचे। जहाँ बहुत से यात्री हमसे पहले बैठे थे ।

मेरी सीट बीच की थी इसलिए मुझे यह प्रोटेक्शन वाला गाउन पहनना था ,इसको पहनना भी एक अलग अनुभव रहा!

(यह फेस शील्ड हम भी खरीदकर साथ ले गए थे ,एयर इंडिया का फेस शील्ड विमान में पहुँचने पर मिला )

विमान तक ले जाने के लिए शटल से जाना था ,यात्री शटल से विमान तक पहुँचाये गए ।

आप अपने  टिकट पर देखें ,कितना वज़न ले जा सकते हैं , हमारे टिकट के अनुसार हम चेक इन बैग में पच्चीस किलो और हैण्ड बैग में सात किलो तक ले सकते हैं आप अगर ड्यूटी फ्री से सामान खरीद रहे हैं तब ध्यान रखें इस सामान का वज़न  आपके हैण्ड बैग के सामान के ‘allotted’ सात किलो में गिना जाएगा ।

सात किलो से थोडा भी  अधिक वजन हुआ तो अतिरिक्त वज़न के  पैसे भरने पड़ेंगे,हाँ , राहत की बात है कि लैपटॉप का वज़न इसमें नहीं गिना जाता ।

यहाँ  शटल में चढ़ने से पहले ,जिसके भी बैग में ज्यादा सामान होने का शक होता है ,उसके बैग का वज़न लिया जाता है ।

वन्दे भारत मिशन के इस विमान को देखकर मन बेहद प्रसन्न हुआ ,मई माह से ही  प्रतीक्षा थी स्वदेश लौटने की ।।अब जाकर वह घड़ी आई !मन ही मन में अमीरात और भारत सरकार का धन्यवाद किया और विमान में अपनी जगह ली।



एयर इंडिया एक्सप्रेस के सभी अधिकारियों ने बहुत ही खूबी के साथ व्यवस्था की हुई थी ।पहले विंडो सीट वालों को बैठाया गया ,उसके बाद बीच वाली सीट और तत्पश्चात किनारे की सीट के यात्री बैठे।


सीट पर स्नैक्स का एक बॉक्स और पानी की दो बोतलें रखी हुई थीं ।

एयर इंडिया एक्सप्रेस की तरफ से हर यात्री को एक फेस शील्ड ,मास्क,हाथ की सफाई' नाम के  सेनीटाईज़र के कुछ सैशे भी मिलते हैं ।

सामान स्वयं हेड लाकर में रखकर हम अपनी सीट पर बैठ गए ।
कम से कम संपर्क के निर्देश का अनुसरण किया जा रहा था ।

अनाउंसमेंट में निर्देश दिए जा रहे थे।

सभी यात्रियों को यात्रा के दौरान फेस शील्ड और मास्क लगाये रखना आवश्यक था ।

 मुझे यह यात्रा बहुत अच्छी लगी क्योंकि सब 'अपनी जगहों पर ऐसे बैठे हुए थे जैसे किसी ने सबको स्टेचू ' कह दिया हो! शायद सभी थके भी हों।बातें भी कोई नहीं कर रहा था ।शायद बहुत-से सो भी गए थे।मैं भी सो गयी इससे यात्रा का आधा  समय सरलता से बीत गया  ।



तीन घंटे पन्द्रह मिनट में हम दिल्ली एअरपोर्ट पहुँचे। दोपहर के सवा तीन बजे थे ।



यह एक विशेष यात्रा थी।परिस्थितियाँ सामान्य नहीं थीं और न अभी तक हैं । यह एक बड़ी राहत की बात थी कि यात्रा में मेरा परिवार भी साथ था




अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करने का प्रयास जारी था ।
दिल्ली हवाई अड्डे पर उतर कर एक  लम्बी साँस ली! स्वदेश की मिटटी की सुगंध!



विमान से सीधा गलियारे में पहुँचे । हवाई अड्डे पर व्यवस्था देखकर मन प्रसन्न हुआ ।


बहुत ही बढ़िया व्यवस्था की थी ,यात्रियों को थकान नहीं हो इसका पूरा ध्यान रख गया था ।






कोरिडोर में आते ही सबको पहले से लगी कुर्सियों पर बैठाया गया और फॉर्म जो हमने पहले भरा था ,वह चेक किया गया ।








मेरे पास भारतीय सिम कार्ड था ,और मैंने अपने फोन में आरोग्य सेतु डाउनलोड किया हुआ था ,अब यहाँ नेटवर्क मिलते ही उसको रजिस्टर भी कर लिया ।(अगर आपके पास भारतीय सिम है तो आप भी आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड कर के रखें ,यहाँ आकर रजिस्टर कर लें।आप का आगे बहुत समय बचेगा )

कॉरिडोर में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर इस तरह से कुर्सियाँ लगी थीं जैसे की समूह में बाँटी गयी हों।

जहाँ तक मुझे समझ आया ,हम सब ३०-३५ के समूह में अपने आप बंट गए थे।

हमसे आगे समूह अपनी प्रक्रिया समाप्त कर लेता उसके बाद हमारे ग्रुप की बारी आती ।

 सबका तापमान जाँचा गया।।और भी जो आवश्यक प्रक्रियाएँ हैं उनसे धीरे-धीरे गुजरते हुए हम अंततः भारतीय  इमीग्रेशन काउंटर पर पहुँचे।

हर ग्रुप का इंचार्ज एक अधिकारी होता था जिसके निर्देश -अनुसार हमें आगे बढ़ना होता था।

 हरियाणा ,उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के यात्री अलग हो गए थे ,दिल्ली राज्य के समूह में अब हम थे और इमीग्रेशन क्लियर कर के अब सामान लेने पहुँचे।

अपने सामान को लेकर अब निर्धारित जगह पर आकर बैठ गए।

ड्यूटी फ्री की एक ही दुकान खुली थी  और मनी एक्सचेंज भी उपलब्ध था।

अब यहाँ अपने सामान के साथ हम सभी यात्री जो एक अधिकारी के चार्ज में थे उनके साथ ग्रीन चैनल से बाहर निकले ।।।सामान को स्कैनर से एक बार फिर गुज़ारा गया ।

स्मरण रहे कि अब  हम सभी के पासपोर्ट हमारे ग्रुप के अधिकारी के पास दिए गए थे ।यहाँ से निकल कर हम सब एक जगह बिठाए गए जहाँ हम से उस फॉर्म को लिया गया जो हमने दुबई एअरपोर्ट पर बोर्डिंग पास मिलने से पहले चैक करवाया था।

हम अपने इंचार्ज अधिकारी के साथ एअरपोर्ट से बाहर निकले और एक पंक्ति में आगे बढे ,ट्राली पर सामान लिए हुए सडक क्रॉस करके दूसरी बिल्डिंग में जाना था।

यहाँ हमें पासपोर्ट वापस दिए गए ,यह ट्रायाज है,अब यहाँ डॉक्टर भी हैं और एयरटेल के सिम लेने की व्यवस्था भी।

यहाँ एक फॉर्म भरकर देना है । सभी जगह अच्छी व्यवस्था है इसलिए काम होते चले जा रहे हैं।

यहाँ से निकल कर अब चौदह दिन के क्वारंटाइन के लिए आप कहाँ रुकना चाहेंगे ,उसकी जानकारी और बुकिंग  ले सकते हैं ।

हमने क्वारंटाइन के होटल्स की लिस्ट देखकर पहले ही बुकिंग की हुई थी ।इसलिए हमको यहाँ भी कोई परेशानी नहीं हुई।।हमारा बुकिंग नंबर और ईमेल देखकर नाम लिस्ट में लिखा गया ।अब हमारे पासपोर्ट उस व्यक्ति के पास थे ,जिसने ये सभी पासपोर्ट पुलिस के सिपाही  को दिए जो हमारे साथ हमें बस से होटल छोड़ने आने वाला था ।

हम ग्यारह यात्री अब शटल की प्रतीक्षा में थे  जो हमको हमारे होटल छोड़ेगी ।

ज्ञात  हो कि होटल की तरफ से कोई आपको लेने नहीं आएगा न ही आप कोई कैब बुक करवाके खुद जा सकते हैं ।



डीटीसी की नॉन ऐ सी बस देखकर सबका मुँह उतर गया !


प्रयास कीजिये कि  सामान कम लेकर चलें ।खुद ही सामान चढ़ाना -उतारना पड़ता है ।कोई पोर्टर नहीं मिलेगा!

बस में सामान रखा ,बैठे ,घडी देखी ।।रात के 9 बज चुके थे ! सवा तीन बजे दिल्ली उतरे थे और अब लगभग ६ घंटे बाद वहाँ से निकले हैं ।बस में सब अलग-अलग होटल्स में जाने वाले थे।इसलिए हमें  हमारे होटल तक पहुँचने में एक घंटा लगा ।रात १० बजे हम होटल पहुँचे!

बस को अन्दर आने से पहले स्प्रे करके sanitize किया गया ,और हमारे सारे सामान पर भी स्प्रे किया गया ।

यहाँ भी अपना सामान स्वयं लेकर हम होटल के अन्दर पहुँचे।कोई पोर्टर मिलेगा ‘पूछने पर ,बड़े आदर भाव के साथ होटल कर्मचारी ने ‘सॉरी’ कहा ! होटल का मुख्य प्रवेश द्वार बंद है इसलिए हमें  अलग  रास्ते से 'Samaya लाउन्ज' में ले जाया गया ।

बुकिंग पहले से ही थी इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई ।कमरे में ठहरने की अवधि का पूरा किराया एडवांस ही देना होता है और भुगतान  ऑनलाइन करना था।

ईमेल में एक लिंक आया और पूरा  भुगतान किया।

अपने रूम का कार्ड लेकर हम कमरे में पहुँचे।

एक ही परिवार के हम तीन सदस्य थे ,इसलिए हमको दो कमरे दिए गए थे , एक कमरे  में same family के दो लोग रह सकते हैं .


मनःस्थिति कैसी थी  ?

पता नहीं ,बड़ी अजीब सी स्थिति थी,फिलहाल तो नहा -धोकर थकान मिटानी थी और भूख भी लगी थी !

सुबह पाँच बजे  घर से निकले  थे और अब जाकर आराम करने को मिला!

रात कोई साढ़े ग्यारह बजे खाना आया और खाकर सो गए !

(होटल में कैसे बीते  क्वारंटाइन के दिन ? जानने के लिए पोस्ट देखें   )


=================================


8 comments:

  1. वतन वापसी पर आपका स्वागत है।

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद शस्त्री जी !
    छोड़ आये हम वो गलियाँ ...
    #Vandebharatmission #evacuationflights #AirIndiaevacuationflights,#covid19internationaltravel
    Read for details..

    ReplyDelete
  3. बहुत दिनों बाद ब्लॉग पोस्ट पढ़ी। अच्छा लगा। पोस्ट भी अच्छी है, एकदम सजीव वर्णन किया आपने। सारे दृश्य मानों सब कुछ सामने हो रहा हो।
    अगली कड़ी भी पढ़ते हैं।

    ReplyDelete
  4. सुस्वागतम्

    ReplyDelete
  5. हे भगवान यह तो कोलंबस की यात्रा हो गई 😑

    ReplyDelete
  6. आपकी यात्रा का वृत्तांत इसलिए भी जानना ज़रूरी है, हम सभी के लिए, क्यूंकि कभी हमारे या किसी मित्र को इसका फायदा मिल जाये।
    शुक्रिया , अल्पना जी। साथ में रोचकता बनाये रखने के लिए भी साधुवाद।

    ReplyDelete

आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना