स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

April 10, 2018

दोषी कौन ?


वह ४८ वर्ष की तलाकशुदा महिला थी ,उसके दो बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं .
एमिरात के इस छोटे शहर के प्राइवेट अस्पताल में अच्छे वेतन पर हेड नर्स की नौकरी में जनवरी २०१८ से लगी हुई थी,सूत्रों के अनुसार उसका सबसे मिलनसार स्वभाव था.

कल शाम उसने अस्पताल की इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली. कोई नोट नहीं छोड़ा.

यह घटना इसलिए लिख रही हूँ कि बात सिर्फ किसी दुर्घटना की नहीं बल्कि इस घटना के एक दूसरे दुखद पहलू की है.

अस्पताल के अधिकारियों द्वारा भारत में उसके परिवार से संपर्क किये जाने पर उसके परिवार और उसके बच्चों तक ने उसका शव लेने से मना कर दिया ,न ही वे उसको देखना चाहते हैं .

मृतका के अपने मायके में भी कोई उसके शव को पाना नहीं चाहता क्योंकि उन्होंने उसे दूसरे धर्म में शादी करने पर अपनी बिरादरी से बाहर कर दिया था .

प्राप्त समाचारों के आधार पर आज उसका अंतिम संस्कार विद्युत् गृह में अस्पताल द्वारा कर दिया जाएगा.

इस घटना से हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या परवरिश का दोष है जो बच्चे भी अपनी मृत माँ को देखना नहीं चाहते!
अगर उसके स्वभाव में कोई दोष होता तो उसके साथ काम करने वाले कोई कुछ बताते .

पैसे को प्राथमिकता देते हुए हम सोचते हैं बच्चों को सुख -सुविधाएँ देकर हमारे दायित्व की इति-श्री हो गयी ?

अंत समय में , कोई साथ दे न दे कम से कम अपने जाये बच्चों से क्या उसने ऐसी उम्मीद की होगी कि उन्होंने उसके शव को लेने से भी मना कर दिया !
एक बार फिर से मैं इस निष्कर्ष पर पहुँची हूँ कि बच्चों में संस्कार देना माँ की ही सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है.

4 comments:

  1. Bahot dard naak haqeeqat hai .. Aatmhatya ki wajah maloom honi chahiye. phir kisi nateeje pe pahuncha ja sakta hai .. lekin itne kareebi logon ka behavior waqayi takleef dene wala hai .. agar ye sulook apni marzi se shadi karne ki wajah se hai to ye aur zyada afsosnaak hai .. is zmanae mein bhi apni zindgi ko apni marzi se guzarne ka haq nahi .. aur log dilon mein itni dushmani rakh lete hain .. jo kuchh bhi hua anjaam afsosnaak hai .. Allah uski rooh ko shanti de..

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरूवार (12-04-2017) को "क्या है प्यार" (चर्चा अंक-2938) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. मर्मस्पर्शी ! बहुत अच्छा लिखा आपने!

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  4. So sad. Something is not right with kids and their mother.

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आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना