स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

September 3, 2012

दुनिया की सबसे बड़ी किताब

दुनिया की सबसे बड़ी किताब 'This is Mohammad'.

दुबई में पिछले कुछ सालों में कई गिनिस विश्व रिकॉर्ड्स बने हैं .
मार्च ,२०१२ के महीने में  इसे  एक नयी सफलता हासिल हुई थी.

गिनिस बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में यह  दुनिया की सब से बड़ी  और भारी किताब दर्ज हो गयी है.


पहले इसे वर्ड ट्रेड सेंटर में फिर इबनबतूता मॉल में दर्शकों के लिए रखा गया था.
कुछ दिनों से  यह हमारे  शहर के 'अलेन माल 'में  रखी गई थी ,जहाँ से मैं कुछ जानकारी और चित्र  ले कर आई हूँ.

आईये जानते हैं, इसके बारे में :-

किताब का नाम -'दिस इज़ मोहम्मद ' है. 

सऊदी के लेखक डॉ.अब्दुल्ला अब्दुल अज़ीज़ अल मुस्लिन ने इसे लिखा है.

अरबी भाषा में लिखी यह न केवल विश्व की सबसे बड़ी और वज़नदार किताब है बल्कि इसके सबसे महंगी होने का दावा भी किया जा रहा है .

इसे बनाने में १०० हुनरमंदों को  १६ महीने लगे. कुल लागत ११ मिलियन दिरहम लगी[३० लाख डॉलर ].
एक दिरहम इस समय १५ भारतीय रूपये का है तो अद्नाज़ा लगा लिजीये..

पृष्ठों की कुल संख्या ४२०  और ५ मीटर लंबी ४ मीटर चौड़ी  है.

इसका वज़न १५०० किलोग्राम है.यह चमड़े और कागज़ से बनी है.

इस्लाम का सन्देश दुनिया भर में फैलाने के मकसद से सामान्य आकार में इस किताब की १० लाख प्रतियाँ अलग-अलग भाषाओंऔर ब्रेल लिपि में भी प्रिंट की गयी हैं.

अलेन से यह कुवैत ,सउदी और दूसरे इस्लामिक देशों में ले जाई जायेगी .



******************
मॉल  में घूमते हुए उसी दिन अचानक मेरी नज़र लकडियों से बने फर्नीचरों पर गई जो पहली मंजिल पर रखे हुए थे.उन्हें देखते हुए लगा ये क्या है??एंटीक फर्नीचर हैं क्या? लकड़ी की एक अलमारी जिस का चित्र नीचे दे रही हूँ उसे देखें .अंदाज़ा लगाएँ  कितने की होगी? कीमत देखी तो हैरानी हुई .

तभी सेल्समैन आया अभिवादन कर के खड़ा हुआ तो मैं ने पूछा इस की कीमत यह है ?.उस ने मुस्कुरा कर बताया ,'जी ये ही है !

अच्छा !हैरान हो कर मैं ने चारों  और नज़र दौडाई और फिर पूछा क्या यह ' एंटीक' हैं?
उसने  कहा .''नहीं''.एंटीक नहीं ,पर असली टीक लकड़ी के ज़रूर हैं.

लेकिन ऐसी  अलमारी तो हमारे इंडिया में  घर में कोई रखे न ..कबाडी को दे दी जाती है .आप ने तो यहाँ इस कीमत पर रखी है .कौन खरीदता है ऐसा सामान?
नज़र चारों  तरफ दौड़ते हुए समझा कि बाकि जो लकड़ी का सामान है वह भी कुछ ऐसा ही था जिसे कि पुराना टूटा फूटा कहा जाएगा.

सेल्समैन ने मेरी बात पर हँसते हुए कहा कि आप ने सही कहा लेकिन अंग्रेज़ हैं वे कला को जानते हैं वे ही खरीदते हैं.

कुछ ऐसा सामान दिखाया जिस पर 'सोल्ड 'का टेग लगा था.

हम्म...गर्दन हिला कर मैं ने लंबी सांस भरी.
सेल्समैन से मैंने पूछा ,'आप लोगों को पहले नहीं देखा ,कहाँ से हैं ?
उस ने कहा ,हम यहाँ नए हैं ,इंडिया से हैं .
मुझे उसे देख कर लगा था शायद वह ईरानी होगा.
लेकिन इंडिया बोला तो मेरा अगला सवाल था .इंडिया से??इंडिया में कहाँ से?

उस ने बताया 'कश्मीर से '

अच्छा ! मैं ने कहा ...आगे और भी बातें हुई और भी कश्मीरी  सामान देखा. 
एक कश्मीरी से यह सुनकर की वह' इंडिया 'से है.बहुत ही अच्छा लगता है. ग्लोबल विल्लेज के कश्मीरी  स्टॉल आदि में भी मैं जानबूझ कर पूछती हूँ कि वे कहाँ से हैं.और अभी  तक हर कश्मीरी ने यही पहला  जवाब दिया 'इंडिया से!'कश्मीर इंडिया का हिस्सा है.हर कश्मीरी पहले भारतीय है.
Cost of this Almirah is 399,450 Indian Rs.
अलमारी -कीमत सिर्फ २६ ,६३६ दिरहम .




चलते -चलते -:
गर्मी खतम नहीं हुई लेकिन आज गर्मी की छुट्टियाँ खतम हो गई हैं ,
 मीरा का एक भजन जो कई दिनों से ज़हtन में आ रहा है ,लता जी के दैवीय स्वर में है ..सुनें...चला वाही देस...let me go to that place...

18 comments:

  1. बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी ..विश्व की सबसे बड़ी पुस्तक के बारे में...भाव पूर्ण यात्रा सस्मरण के साथ हार्दिक आभार ......अपने वतन की माटी के महक सदा यूँ ही बखेरते रहिएगा...
    सादर शुभ कामनाएं

    ReplyDelete
  2. ये किताब तो हमने ही देखी ... अपनी माल इब्न बतूता में ...
    गर्मी खत्म तो नहीं पर पारा जेरूर आजकल कुछ गिर गया है दुबई में ... स्कूल खुसने की बस तैयारी है अब ...

    ReplyDelete
  3. बढ़िया लगी यह जानकारी ...आभार आपका !

    ReplyDelete
  4. आपके इस पोस्ट पर सामान्य ज्ञान में वृद्धि हुई । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया जानकारियां हैं अल्पना जी. सही है, हर कश्मीरी पहले हिन्दुस्तानी ही है :)

    ReplyDelete
  6. बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी ...बहुत सुन्दर..

    ReplyDelete
  7. सबसे बढी किताब के बारे में जानकारी का शुक्रिया । एक कश्मीरी से यह सुनकर की वह' इंडिया 'से है.बहुत ही अच्छा लगता है. ग्लोबल विल्लेज के कश्मीरी स्टॉल आदि में भी मैं जानबूझ कर पूछती हूँ कि वे कहाँ से हैं.और इंडिया से सुनकर अच्छा लगता है ।
    सही कहा आजकल जो हालात है कश्मीर के उस मे तो यह एक आशा की किरण है ।

    ReplyDelete
  8. बहुत बेहतरीन जानकारी मिली |रोचक पोस्ट आभार

    ReplyDelete
  9. Lata ji is very good singer in this world...........

    ReplyDelete
  10. सच में टीक का फर्नीचर अब कम ही मिलता है. उसकी कीमत भी हर कोई नहीं चुका सकता.
    घुघूतीबासूती

    ReplyDelete
  11. सराहनीय प्रस्तुति,आभार

    ReplyDelete
  12. अच्छी जानकारी मिली इस किताब के बारे में .....

    ReplyDelete
  13. आपकी प्रस्तुति का अंदाज निराला और रोचक है.
    अच्छी जानकारी मिली आपकी इस पोस्ट से.
    गाना तो बस कमाल का है जी.

    हार्दिक आभार.

    ReplyDelete
  14. ज्ञानवर्धक एवं संग्रहणीय
    आभार आपका


    मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
    http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html

    ReplyDelete
  15. बहुत खूब पोस्ट! छुट्टियां फ़िर आयेंगी। गाना सुना अच्छा लगा।

    ReplyDelete
  16. बेहद रोचक.

    ReplyDelete
  17. बहत आच्छी जानकारी है

    ReplyDelete
  18. बहुत खूब पोस्ट , और मूझे इबनबतूता के बारे मेँ भी जानकारी चाहीऐ।

    ReplyDelete

आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना