मॉल में घूमते हुए उसी दिन अचानक मेरी नज़र लकडियों से बने फर्नीचरों पर गई जो पहली मंजिल पर रखे हुए थे.उन्हें देखते हुए लगा ये क्या है??एंटीक फर्नीचर हैं क्या? लकड़ी की एक अलमारी जिस का चित्र नीचे दे रही हूँ उसे देखें .अंदाज़ा लगाएँ कितने की होगी? कीमत देखी तो हैरानी हुई . तभी सेल्समैन आया अभिवादन कर के खड़ा हुआ तो मैं ने पूछा इस की कीमत यह है ?.उस ने मुस्कुरा कर बताया ,'जी ये ही है !
अच्छा !हैरान हो कर मैं ने चारों और नज़र दौडाई और फिर पूछा क्या यह ' एंटीक' हैं?
उसने कहा .''नहीं''.एंटीक नहीं ,पर असली टीक लकड़ी के ज़रूर हैं.
लेकिन ऐसी अलमारी तो हमारे इंडिया में घर में कोई रखे न ..कबाडी को दे दी जाती है .आप ने तो यहाँ इस कीमत पर रखी है .कौन खरीदता है ऐसा सामान?
नज़र चारों तरफ दौड़ते हुए समझा कि बाकि जो लकड़ी का सामान है वह भी कुछ ऐसा ही था जिसे कि पुराना टूटा फूटा कहा जाएगा.
सेल्समैन ने मेरी बात पर हँसते हुए कहा कि आप ने सही कहा लेकिन अंग्रेज़ हैं वे कला को जानते हैं वे ही खरीदते हैं.
कुछ ऐसा सामान दिखाया जिस पर 'सोल्ड 'का टेग लगा था.
हम्म...गर्दन हिला कर मैं ने लंबी सांस भरी. सेल्समैन से मैंने पूछा ,'आप लोगों को पहले नहीं देखा ,कहाँ से हैं ?
उस ने कहा ,हम यहाँ नए हैं ,इंडिया से हैं .
मुझे उसे देख कर लगा था शायद वह ईरानी होगा.
लेकिन इंडिया बोला तो मेरा अगला सवाल था .इंडिया से??इंडिया में कहाँ से? उस ने बताया 'कश्मीर से '
अच्छा ! मैं ने कहा ...आगे और भी बातें हुई और भी कश्मीरी सामान देखा.
एक कश्मीरी से यह सुनकर की वह' इंडिया 'से है.बहुत ही अच्छा लगता है. ग्लोबल विल्लेज के कश्मीरी स्टॉल आदि में भी मैं जानबूझ कर पूछती हूँ कि वे कहाँ से हैं.और अभी तक हर कश्मीरी ने यही पहला जवाब दिया 'इंडिया से!'कश्मीर इंडिया का हिस्सा है.हर कश्मीरी पहले भारतीय है.
Cost of this Almirah is 399,450 Indian Rs.
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चलते -चलते -: गर्मी खतम नहीं हुई लेकिन आज गर्मी की छुट्टियाँ खतम हो गई हैं , मीरा का एक भजन जो कई दिनों से ज़हtन में आ रहा है ,लता जी के दैवीय स्वर में है ..सुनें...चला वाही देस...let me go to that place... |
बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी ..विश्व की सबसे बड़ी पुस्तक के बारे में...भाव पूर्ण यात्रा सस्मरण के साथ हार्दिक आभार ......अपने वतन की माटी के महक सदा यूँ ही बखेरते रहिएगा...
ReplyDeleteसादर शुभ कामनाएं
ये किताब तो हमने ही देखी ... अपनी माल इब्न बतूता में ...
ReplyDeleteगर्मी खत्म तो नहीं पर पारा जेरूर आजकल कुछ गिर गया है दुबई में ... स्कूल खुसने की बस तैयारी है अब ...
बढ़िया लगी यह जानकारी ...आभार आपका !
ReplyDeleteआपके इस पोस्ट पर सामान्य ज्ञान में वृद्धि हुई । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारियां हैं अल्पना जी. सही है, हर कश्मीरी पहले हिन्दुस्तानी ही है :)
ReplyDeleteबहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी ...बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteसबसे बढी किताब के बारे में जानकारी का शुक्रिया । एक कश्मीरी से यह सुनकर की वह' इंडिया 'से है.बहुत ही अच्छा लगता है. ग्लोबल विल्लेज के कश्मीरी स्टॉल आदि में भी मैं जानबूझ कर पूछती हूँ कि वे कहाँ से हैं.और इंडिया से सुनकर अच्छा लगता है ।
ReplyDeleteसही कहा आजकल जो हालात है कश्मीर के उस मे तो यह एक आशा की किरण है ।
बहुत बेहतरीन जानकारी मिली |रोचक पोस्ट आभार
ReplyDeleteLata ji is very good singer in this world...........
ReplyDeleteसच में टीक का फर्नीचर अब कम ही मिलता है. उसकी कीमत भी हर कोई नहीं चुका सकता.
ReplyDeleteघुघूतीबासूती
सराहनीय प्रस्तुति,आभार
ReplyDeleteअच्छी जानकारी मिली इस किताब के बारे में .....
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति का अंदाज निराला और रोचक है.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी मिली आपकी इस पोस्ट से.
गाना तो बस कमाल का है जी.
हार्दिक आभार.
ज्ञानवर्धक एवं संग्रहणीय
ReplyDeleteआभार आपका
मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html
बहुत खूब पोस्ट! छुट्टियां फ़िर आयेंगी। गाना सुना अच्छा लगा।
ReplyDeleteबेहद रोचक.
ReplyDeleteबहत आच्छी जानकारी है
ReplyDeleteबहुत खूब पोस्ट , और मूझे इबनबतूता के बारे मेँ भी जानकारी चाहीऐ।
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