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'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

December 1, 2008

'नया संग्राम' Naya Sangram/ poem

'नया संग्राम'[एक आह्वान] ------------  
आज एक नया संग्राम लाना चाहिए,
हो गया पुराना संसार नया चाहिए, 
 
आईनों के धुंधले अक्स नहीं चाहिए,
लेबलों से लदे इंसान नहीं चाहिए,  
 
आज एक नया संग्राम लाना चाहिए,
हो गया पुराना संसार नया चाहिए
 
 झूटे करें वादे और लूटे भोलेपन को,
सत्ता के ऐसे गुलाम नहीं चाहिए,
 
 बहता हो जिससे लहू मासूमों का, 
ऐसे खूनी फरमान नहीं चाहिए, 
 
पैसों के कांटे छीले प्यार की कली को,
आज हमें ऐसे धनवान नहीं चाहिए, 
 
रिश्तों में बहता हो सिर्फ़ खारा पानी, 
ऐसे रिश्तों की पहचान नहीं चाहिए,  
 
आज एक नया संग्राम लाना चाहिये,
हो गया पुराना संसार नया चाहिए.
 
 इंसानियत के खूनी इंसान 
आज हमें ऐसे हैवान नहीं चाहिए, 
 
जो न मिलने दे इन्साफ के खुदा से हमें,
आज हमें ऐसे दरबान नहीं चाहिए, 
 
जिस से बरसता हो सिर्फ़ काला पानी,
आज हमें ऐसा आसमान नहीं चाहिए, 
 
जिस घर में सन्नाटे और चीखें हों, 
आज हमें ऐसे मकान नहीं चाहिए,  
 
आज हमें नया संग्राम लाना चाहिये,
हो गया पुराना संसार नया चाहिए. 
 --------------------------------------------------
कविता सुनिये Play Or Download Here[mp3] -written[2002] and recited by Alpana Verma

41 comments:

  1. जिस से बरसता हो सिर्फ़ काला पानी,आज हमें ऐसा आसमान नहीं चाहिए,
    जिस घर में सन्नाटे और चीखें हों, आज हमें ऐसे मकान नहीं चाहिए,

    अच्छा कहा आपने ..सुन तो नही पायी अभी पर पढने में यह दिल के हालात को बयान करती है

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  2. मन आक्रोशित ओर गुस्सा है अल्पना जी......सच में अब ये हालात बदलने चाहिये

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  3. पैसों के कांटे छीले प्यार की कली को,आज हमें ऐसे धनवान नहीं चाहिए,
    रिश्तों में बहता हो सिर्फ़ खारा पानी, ऐसे रिश्तों की पहचान नहीं चाहिए,


    बहुत ओजस्वी कविता ! आज इसी जज्बे की आवश्यकता है !

    रामराम !

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  4. ऐसे समय में ऐसे ओज और परिवर्तन को गुहारती कविता की बहुत आवश्यकता महसूस होती है। आपकी इस प्रस्तुति ने उस शून्य को भरा। धन्यवाद।

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  5. इंसानियत के खूनी इंसान आज हमें ऐसे हैवान नहीं चाहिए,
    जो न मिलने दे इन्साफ के खुदा से हमें,आज हमें ऐसे दरबान नहीं चाहिए,
    " wow what a wonderful creation of your on the subject..... these two lines are just core of the poem and reflecting fact of the mumbai incident.."

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  6. अल्पना जी,
    बहुत अच्छी कविता है और आपकी आवाज़ तो मधुर है ही।

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  7. बेहतरीन कविता...

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  8. अल्पना जी ये कर डाला आपने,एक तो ओजस्वी कविता और ऊपर से ये मखमली आवाज वह क्या खूब कहा आपने बहोत खूब .. बधाई किस शब्द में दूँ वो शब्द नही है मेरे पास ... बहोत खूब लिखा और पढ़ा आपने ......बहोत खूब...

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  9. Anonymous12/01/2008

    इंसानियत के खूनी इंसान आज हमें ऐसे हैवान नहीं चाहिए,
    जो न मिलने दे इन्साफ के खुदा से हमें,आज हमें ऐसे दरबान नहीं चाहिए,
    sach aha alpana ji bahut hua ab e badlav jaruri hai,bahut hi achhi sashakt rachana badhai

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  10. झूटे करें वादे और लूटे भोलेपन को,सत्ता के ऐसे गुलाम नहीं चाहिए,
    बहता हो जिससे लहू मासूमों का, ऐसे खूनी फरमान नहीं चाहिए,
    अल्पना जी बहुत ही सुंदर कविता लिखी आप ने
    धन्यवाद

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  11. abhi-abhi
    जब कभी यादों के दर्पण टूट जाएंगे,
    kavita aapki avaj mein suni...
    lajwab

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  12. आपने बहुत अच्छा िलखा है । शब्दों में यथाथॆ की अिभव्यिक्त है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है । समय हो तो पढें और प्रितिक्रया भी दें -
    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  13. कडवी सच्चाई को बडी सरलता से सामने रख दिया्।

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  14. ओजपूर्ण एवं विचारोत्‍तेजक कविता पढवाने का आभार।

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  15. aap bilkul sahi kah rahi hain.

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  16. ये सिर्फ़ गीत नही आह्वान है .
    बहुत बधाई आपको.

    सुलभ पत्र - Hindi Kavita blog

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  17. ...naya sangraam lana chahiye, vichaar bahot hi sachcha aur steek hai. kavita parh kr kaheeN n kaheeN mn mei dbe aakrosh ki tripti bhi hoti hai. ye sandesh apni manzil tk jaye...isi kaamna ke sath badhaaee svikaareiN.
    ---MUFLIS---

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  18. बहुत अच्छी कविता। लेकिन बात इच्छा और इंतजार से आगे की भी होनी चाहिए।

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  19. अल्पना जी,
    बधाई
    इंसानियत के खूनी इंसान आज
    हमें ऐसे हैवान नहीं चाहिए,
    जो न मिलने दे इन्साफ के खुदा से हमें,
    आज हमें ऐसे दरबान नहीं चाहिए,
    bahut sundar
    - vijay

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  20. बहुत सुंदर गीत।

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  21. aisa aasmaaan nahi chahiye.....wah! bahut achchha likha aapne...badhai sweekarien...

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  22. बेहतरीन सृजनात्मक प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकारें

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  23. Hi alpana,

    pls chk yahoo mail.

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  24. I have presented you with an award, please come by my blog and pick it up. Hope you're having a terrific week-end.

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  25. aapki kavita ne ek aisi tasweer prastut ki hai , jo hamen ek acche samaj ke liye protsahit karti hai .

    itni acchi kavita ke liye badhai..

    regards,

    Vijay
    http://poemsofvijay.blogspot.com/

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  26. ये कविता तो भारत के नेताओं को जरुर पढना चाहिये और इससे प्रेरणा लेनी चाहिये ।

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  27. आप साहित्य की हर विधा में निपुण है यह सहज सिद्ध है बहुत सुंदर बधाई

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  28. बहुत बढ़िया!

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  29. माफ़ी चाहूँगा, काफी समय से कुछ न तो लिख सका न ही ब्लॉग पर आ ही सका.

    आज कुछ कलम घसीटी है.

    आपको पढ़ना तो हमेशा ही एक नए अध्याय से जुड़ना लगता है. यूँ ही निरंतर लिखते रहिये

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  30. bahut sundar hai yah post.

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  31. आज पहली बार आना हुआ आपके ब्लोग पर। और यह रचना पढी भी और सुनी भी। क्या कहूँ शब्द नहीं कुछ कहने को। दिल को छू गई यह रचना। सच में अब ये संसार बदलना चाहिए।

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  32. बहुत खूब | सुंदर रचना | विचारों की बेबाक अभिव्यक्ति ||
    साधुवाद और स्वागत...

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  33. हम सब आप के साथ हैं...आप की जुबानी हम सब की दिल की बात कही गई है...साधुवाद...
    नीरज

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  34. बहुत लगा बहुत सुंदर राचना !

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  35. आह आह कितनी सुंदर पोस्‍ट मैंने आज ही क्‍यूं पढी पता नहीं चला माफ करना बाकी काफी दिन हो गए अगली पोस्‍ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि जल्‍दी से पढकर कमेंट करें शुभाशीष

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  36. अल्पना जी........अब वो संग्राम बस होने को ही है...बर्दाश्त की हद बस ख़त्म होने को ही है...!!

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  37. jee han ab bas aar ya paar hona hi chaheeye!

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  38. aar ya paar jaisa kuchh nahin. samsya ki jad dhudhen. hum ese to nahin hai. jang samsya ka hal kabhi bhi nahin hoti hai. aapka gussa jayaj hai. sabra.

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  39. बहुत ही भावपूर्ण स्वर दिया है आपने. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  40. अल्पना जी सुन्दर प्रस्तुति ए लाइने अच्छी लगी बेहद-जिस से बरसता हो सिर्फ़ काला पानी,आज हमें ऐसा आसमान नहीं चाहिए,
    जिस घर में सन्नाटे और चीखें हों, आज हमें ऐसे मकान नहीं चाहिए,। कभी मौका मिले तो मेरी रचना देखे खिलाएगे तुम्को विरियानी और फासीं पर बहस करेगे। धन्यवाद ।

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  41. अल्पना जी नमस्कार्। बहुत सुन्दर भाव हैं मुझे ए लाइने अच्छी लगी।

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आप के विचारों का स्वागत है.
~~अल्पना