प्यार का दरिया बहाओ,तो कुछ बात बने,
वीरान बस्ती को बसाओ,तो कुछ बात बने.
ख़ुद से करते हो क्यूं दिल की हर बात ,
अपना हमराज़ बनाओ तो कुछ बात बने .
पराई रोशनी से करते हो घर को रोशन?,
अपने अंधेरो को जलाओ तो कुछ बात बने .
नफ़रतो की आग में तन जलता है बहुत ,
प्यार हर दिल में बसाओ तो कुछ बात बने.
क्यूं उठाते हो मुठ्ठी की शक्ल में आवाज़ें ,
क़लम हथियार बनाओ तो कुछ बात बने.
सिक्कों की खनक से मुस्कराता नहीं आंसू ,
हँसता हुआ गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
वो फ़र्श जिस पर बहा है लहू मासूमो का ,
गवाह उस को ही बनाओ तो कुछ बात बने.
क्यूं अंधेरे उजालों पर हरदम हावी हों ,
अमावास में चाँद खिलाओ तो कुछ बात बने.
जिसकी पलकें नम ,दिल में परेशानियाँ हैं ,
'अल्प'उसको जो हंसाओ,तो कुछ बात बने .
-Alpana Verma
स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India
'वन्दे भारत मिशन' के तहत स्वदेश वापसी Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अल्पना,
ReplyDeleteखूबसूरत अल्फाज और उतने ही खूबसूरत दिल के जजबात...
लिखते रहिये.
पराई रोशनी से करते हो क्यूं घर को रोशन,
अपने अंधेरो को जलाओ तो कुछ बात बने .
वो फ़र्श जिसपे बहा है लहू मासूमो का ,
गवाह उस को बनाओ तो कुछ बात बने.
ख़ुद से करते हो क्यूं दिल की बात ,
ReplyDeleteअपना हमराज़ बनाओ तो कुछ बात बने .
Awesome maam...bahut hi khoobsoorat kalaam hai..likhte rahiye
पराई रोशनी से करते हो क्यूं घर को रोशन,
ReplyDeleteअपने अंधेरो को जलाओ तो कुछ बात बने .
खूबसूरत एह्शास देती आपकी कविता.
Pyar her dil mein basaao to kuch baat bane...
ReplyDeleteBas yahi soch agar harek dil mein paida ho jaye to
nafrat shabd ke maine hi khatam ho jayen...
Bahuut khubsurat alfaaj hai ye....
Keep it up.
All the best.
क्यूं उठाते हो मुठ्ठियो की शक्ल में आवाज़ें ,
ReplyDeleteक़लम हथियार बनाओ तो कुछ बात बने.
सिक्कों की खनक से बनता नहीं हर आँसू मुस्कान,
ख़ुशनुमा एक गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
अल्पना जी हिंद-युग्म पर की गयी टिप्पणी से आपकी प्रोफ़ाइल देखी और आपके ब्लॉग पर आया .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है आपने .. वाह.. भाव खुल कर सामने आ रहे हैं!
ख़ुद से करते हो क्यूं दिल की बात ,
अपना हमराज़ बनाओ तो कुछ बात बने .
सिक्कों की खनक से बनता नहीं हर आँसू मुस्कान,
ख़ुशनुमा एक गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
सुंदर रचना के लिए बधाई
अल्पना जी हिंद-युग्म पर की गयी टिप्पणी से आपकी प्रोफ़ाइल देखी और आपके ब्लॉग पर आया .
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है आपने .. वाह.. भाव खुल कर सामने आ रहे हैं!
ख़ुद से करते हो क्यूं दिल की बात ,
अपना हमराज़ बनाओ तो कुछ बात बने .
सिक्कों की खनक से बनता नहीं हर आँसू मुस्कान,
ख़ुशनुमा एक गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
सुंदर रचना के लिए बधाई
अल्पना जी आज हिन्द-युग्म पर आपको देखा अच्छा लगा..इन्सान का इन्सान के प्रति प्रेम और अपनत्व का भा्व बहुत जरूरी है...और आपकी रचनाओं में भी वही बात नजर आती है...
ReplyDeleteखूबसूरत और बेहतरीन रचनायें...
सुनीता(शानू)
क्यूं उठाते हो मुठ्ठियो की शक्ल में आवाज़ें ,
ReplyDeleteक़लम हथियार बनाओ तो कुछ बात बने.
बहुत सुंदर ...खासकर ये पंक्तियाँ...बधाई
अल्पना जी, बहुत सुन्दर रचना ।
ReplyDelete"अपने अंधेरो को जलाओ तो कुछ बात बने"
क्या बात है। असतित्व झन्झोङ के रख दिया।
बधाई हो।
जै बांवरा
आपकी गजल दिल को छू गयी। खासकर यह शेर तो बहुत ही अच्दा लगा-
ReplyDeleteजिसकी आवाज़ ख़ामोश,दिल में परेशानियाँ है,
'अल्प' उसको हंसाओ तो कुछ बात बने ।
बहुत-बहुत बधाई।
पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ!!
ReplyDeleteतारीफ़ करना ही होगा!!
इस गज़ल का हर शेर अपने आप में शानदार है!!
तारीफ़ कबूल करें!!
शुभकामनाएं
wow
ReplyDeletevery sweet voice.
unexpected for me.
congrats and keep it up.
chirag.
hi alp !
ReplyDeletebahut hee shanddar gazal liki hai aapne...
ख़ुद से करते हो क्यूं दिल की हर बात ,
अपना हमराज़ बनाओ तो कुछ बात बने .
पराई रोशनी से करते हो घर को रोशन?,
अपने अंधेरो को जलाओ तो कुछ बात बने .
सिक्कों की खनक से मुस्कराता नहीं आंसू ,
हँसता हुआ गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
shandaar alfaaz hai...or bahut hee khhbsurat soach hai...i wish ki aap hamesha aisa hee liktee rahey...gazal ka maza hee es baat mai hai ki pehlee line or dusaree line mai jameen or aasmaan sa contrast hoo...tabhee tho dost gzal ke do lineyn hee jameen aasaan ko sametey hue hotee hai..
wish u aal the best
Aapkee sabhi rachnaye padhi ..
ReplyDeletesabkaa alad andaaj ..naya rang ..
nayee rachnaa .. nayee umang..
Mujhe sabhee bahut pasand aayee..
Keep it up..
All the best.
alpna jee
ReplyDeletebahut hi achchhi panktiyan hain
bahut bahut badhai
aapka kislay
नफ़रतो की आग में तन जलता है बहुत ,
ReplyDeleteप्यार हर दिल में बसाओ तो कुछ बात बने.
bahut khoob...sunder rachna...
badhaayee...
pl visit for my ghazals in my voice
http://binnewslive.com
प्यार का दरिया बहाओ,तो कुछ बात बने,
ReplyDeleteवीरान बस्ती को बसाओ,तो कुछ बात बने.
अल्पना जी इस ज़ज़्बे को सलाम करता हू
बहुत सुन्दर है आपकी यह गज़ल. बहुत बहुत बधाई
इस ग़ज़ल के तो सभी शेर अच्छे हैं!
ReplyDeleteसिक्कों की खनक से मुस्कराता नहीं आंसू ,
ReplyDeleteहँसता हुआ गीत सुनाओ तो कुछ बात बने .
वो फ़र्श जिस पर बहा है लहू मासूमो का ,
गवाह उस को ही बनाओ तो कुछ बात बने.
bahut sunder sher hain .saari najm hi behatrin hai.bahut hi gharai liye hue saarthak rachanaa,badhaai aapko.
please visit my blog.thanks.
बहुत प्यारी गज़ल है
ReplyDeleteसादर
Thanks for your marvelous posting! I genuinely enjoyed reading it, you are a great author.I will be sure to bookmark your blog and will often come back down the road. I want to encourage yourself to continue your great job, have a nice day!
ReplyDelete