कभी सोचें कि आसमान पर चलना कैसा लगता है तो ये तो वही बता सकता है न जो आसमान पर चल कर आया हो?अगर मैं कहूँ कि मैं आसमान पर चल कर आई हूँ तो?
हाँ ,मेरा यह अनुभव भी कुछ इसी तरह का है जब मैं दुनिया की सब से बड़ी इमारत पर सबसे ऊँचे डेक पर घूम कर वहाँ से धरती को देखने का एक रोमांचक अनुभव ले कर आई हूँ.
दुनिया की सबसे ऊँची मानवनिर्मित इमारत संयुक्त एमिरात के शहर दुबई में है.विज्ञान और तकनीक ,इंसानी सूझ बूझ और मेहनत का नमूना. इस अजूबे को बनाने में अतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ ,एक्सपर्टस,तकनीशियन और १०० से अधिक देशों के १२००० मजदूरों की दिन रात की मेहनत लगी है.यह भी सच है कि इस में सब से अधिक योगदान भारतीय तकनीशियन और मजदूरों का है.यह आप वहाँ की तस्वीर दीर्घा में भी देख सकते हैं.
जनवरी २०१० में इस का बड़े ही जोर शोर से उदघाटन किया गया था.फरवरी से अप्रैल तक तकनीकी समस्यों के चलते जनता के लिए इसे बंद किया गया था.इन दिनों पर्यटक वहाँ जा सकते हैं.बुर्ज खलीफा इमारत के बारे में लगभग सभी जानते हैं फिर भी थोडा सा संक्षेप में इसके बारे में बता दूँ कि इस ने क्या क्या विश्व रिकार्ड अपने नाम किये हैं.[सभी आंकड़े अधिकारिक साईट से लिए गए हैं]
१-दुनिया की सबसे ऊँची इमारत -: ८२८ मीटर.
हाँ ,मेरा यह अनुभव भी कुछ इसी तरह का है जब मैं दुनिया की सब से बड़ी इमारत पर सबसे ऊँचे डेक पर घूम कर वहाँ से धरती को देखने का एक रोमांचक अनुभव ले कर आई हूँ.
दुनिया की सबसे ऊँची मानवनिर्मित इमारत संयुक्त एमिरात के शहर दुबई में है.विज्ञान और तकनीक ,इंसानी सूझ बूझ और मेहनत का नमूना. इस अजूबे को बनाने में अतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ ,एक्सपर्टस,तकनीशियन और १०० से अधिक देशों के १२००० मजदूरों की दिन रात की मेहनत लगी है.यह भी सच है कि इस में सब से अधिक योगदान भारतीय तकनीशियन और मजदूरों का है.यह आप वहाँ की तस्वीर दीर्घा में भी देख सकते हैं.
जनवरी २०१० में इस का बड़े ही जोर शोर से उदघाटन किया गया था.फरवरी से अप्रैल तक तकनीकी समस्यों के चलते जनता के लिए इसे बंद किया गया था.इन दिनों पर्यटक वहाँ जा सकते हैं.बुर्ज खलीफा इमारत के बारे में लगभग सभी जानते हैं फिर भी थोडा सा संक्षेप में इसके बारे में बता दूँ कि इस ने क्या क्या विश्व रिकार्ड अपने नाम किये हैं.[सभी आंकड़े अधिकारिक साईट से लिए गए हैं]
१-दुनिया की सबसे ऊँची इमारत -: ८२८ मीटर.
२-विश्व का सबसे ऊँचा फ्री स्टेंडिंग ढांचा.
३-विश्व का सर्वाधिक तलों वाली इमारत.[१६० से अधिक तल हैं]
४-दुनिया की सबसे अधिक occupied तलों वाली इमारत.
५-दुनिया का सबसे ऊँचा पर्यवेक्षण स्थल/डेक इसी पर है.
६-दुनिया की तेज चलने वाली सर्विस लिफ्ट इसी में है.
७-दुनिया की सबसे अधिक दूरी तय करने वाली लिफ्ट यहीं है.
३-विश्व का सर्वाधिक तलों वाली इमारत.[१६० से अधिक तल हैं]
४-दुनिया की सबसे अधिक occupied तलों वाली इमारत.
५-दुनिया का सबसे ऊँचा पर्यवेक्षण स्थल/डेक इसी पर है.
६-दुनिया की तेज चलने वाली सर्विस लिफ्ट इसी में है.
७-दुनिया की सबसे अधिक दूरी तय करने वाली लिफ्ट यहीं है.
1996 में जब हम यहाँ आये थे तब दुबई का ट्रेड सेंटर ही दुबई की सब से ऊँची इमारत हुआ करती थी,फिर ट्विन टावर का नाम आया.
दुबई में इन कुछ ही सालों में जिस तेज़ी से विकास हुआ है वह आश्चर्य कर देने वाला है.
इस इमारत के लिए खुदाई जनवरी २००४ में शुरू हुई[नींव कितनी गहरी होगी???नहीं मालूम]मार्च २००५ में ढांचा बनना शुरू हुआ.जून २००६ तक ५० माले बन चुके थे.जुलाई २००७ में १४१ तल बनते ही यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत हो गयी.१६० तल का निर्माण कार्य अप्रैल २००८ में खतम होते ही इसे मानव निर्मित सबसे ऊँचा ढांचा कहा गया.और जनवरी २०१० में अधिकारिक उद्घाटन किया गया.
नींव खुदने से १,३२५ दिनों में ही इस इमारत का पूर्ण होना योजनाकर्ताओं के लिए एक स्वप्न साकार होने जैसा ही है.
इमारत के चारों और के क्षेत्र को भी सजाया संवारा गया है.पानी के फव्वारे और सुन्दर बाग़,होटल आदि बनाये गए हैं .इसके भूमिगत तल में ३००० की पार्किंग स्पेस है.
इस इमारत के लिए खुदाई जनवरी २००४ में शुरू हुई[नींव कितनी गहरी होगी???नहीं मालूम]मार्च २००५ में ढांचा बनना शुरू हुआ.जून २००६ तक ५० माले बन चुके थे.जुलाई २००७ में १४१ तल बनते ही यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत हो गयी.१६० तल का निर्माण कार्य अप्रैल २००८ में खतम होते ही इसे मानव निर्मित सबसे ऊँचा ढांचा कहा गया.और जनवरी २०१० में अधिकारिक उद्घाटन किया गया.
नींव खुदने से १,३२५ दिनों में ही इस इमारत का पूर्ण होना योजनाकर्ताओं के लिए एक स्वप्न साकार होने जैसा ही है.
इमारत के चारों और के क्षेत्र को भी सजाया संवारा गया है.पानी के फव्वारे और सुन्दर बाग़,होटल आदि बनाये गए हैं .इसके भूमिगत तल में ३००० की पार्किंग स्पेस है.
The Dubai Mall is the world's largest shopping mall based on total area and sixth largest by gross leasable area. Located in Dubai,United Arab Emirates, |
The Mall's Dubai Aquarium and Discovery Centre officially earned the Guinness World Record for the world's "Largest Acrylic Panel". The ten million liter aquarium tank is the largest suspended aquarium in the world |
इसी दुबई मॉल के निचले तल पर बुर्ज खलीफा का टिकट काउंटर और उस पर जाने के लिए प्रवेश द्वार है.
'एट दी टॉप' -पर्यवेक्षण तल तक जाने के लिए आप को टिकट लेना होगा ,अक्सर वहाँ कई कई दिनों की बुकिंग भी चलती है इत्तेफाक से हमें वहाँ जाते ही टिकट मिल गया था.टिकट प्रति व्यक्ति १०० दिरहम है और ७५ दिरहम प्रति बच्चा.खास अवसरों आदि पर कुछ छूट भी दी जाती है जिसके लिए आप को इसके दफ्तर या वेबसाईट पर चेक करना होगा.
आईये आप को वहाँ ले कर चलूँ तस्वीरों के ज़रिए.
सुरक्षा जांच के बाद एक सुरंगनुमा स्थान में दाखिल होते हैं जहाँ स्लाईड शो चलते रहते हैं आगे जाते हैं तो पिक्चर गेलरी कम पेस्सेज है चलते रहीये ..रूचि है तो निर्माण सम्बन्धी सारे विवरण पढते चलिये
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My ticket/04/08/10 | |
एक हाल सा आता है वहाँ एक फिलिपिनो लडकी मुस्कराते हुए हमें यह रिंग में से बुर्ज का डेक दिखाती है कि देखीये आप वहाँ जा रहे हैं.
जाने की उत्सुकता है डर तो बिलकुल भी नहीं लगा .
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सुरक्षा जांच के बाद आप एक सुरंगनुमा स्थान में दाखिल होते हैं जहाँ स्लाईड शो चलते रहते हैं आगे जाते हैं तो पिक्चर गेलरी कम पेस्सेज है चलते रहीये ..रूचि है तो निर्माण सम्बन्धी सारे विवरण पढते चलिये
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कुछ ही सेकेंड्स में हम पहुँचते हैं डेक पर ...और .दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे-:
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लिफ्ट की दीवारों पर स्क्रीन थे [See video ]वहाँ कुछ संगीत और दृश्य चल रहे थे.आप को बाहर के दृश्य लिफ्ट से नहीं दीखते.
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[चित्रों को बड़ा देखने के लिए उन पर क्लिक करें]
विडियो http://youtu.be/CKwMIFde4e4-:
सुंदर वर्णन । मुंबई में इससे भी ऊंची इमारत बनाने के तैयारी चल रही है ।
ReplyDeleteआपके साथ हमने भी बुर्ज़ खलीफ़ा की सैर कर ली. बहुत सुन्दर वर्णन, शानदार तस्वीरों के साथ.
ReplyDeleteवाह!,वाकई आनंद आ गया, चित्र देखकर, फ़िर जीवंत वर्णन पढकर, अंत में खूबसूरती से केमेरे में कैद किये गये चलचित्रों द्वारा स्थान पर मौजूद होने का एहसास लेकर!!!(आपने तारीख नही डाली?)
ReplyDeleteपार्श्व संगीत भी परफ़ेक्ट!!!
कैरो में एक मॊल है सिटी स्टार,जिसे वहां के लोग कह रहे थे कि सबसे बडा मॊल है अफ़्रिका और एशिया का, मगर लगता है, दुबई मॊल बडा होगा.
वर्णन में तो उचाईयाँ छू ली आपनें
ReplyDeleteअल्पना जी आपने बुर्ज खलीफा की सैर घर बठे ही करा दी, मज़ा आ गया और काफी ज्ञानवर्धक भी रहा आपका लेख.
ReplyDeleteवर्णन में तो उचाईयाँ छू ली आपनें
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रिपोर्ट ...हम भी घूम लिए आपके इस चित्र सहित लेख के साथ ...अच्छी जानकारी
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteचलिए, इस बहाने हम भी घूम लिए...आभार!
ReplyDeleteविहंगम दृश्य। मानव की कल्पना की अल्पना।
ReplyDeletemanav apne soch ko kaise aayaam deta hai, ye Burj khalifa ko dekh kar lag raha hai.........thora bahut to pahle padha tha, lekin itni pyari jaankaari dene ke liye, shukria...........:)
ReplyDeleteja raha hoon, VISA lene, aakhir jana hi parega.......hame bhi dekhne...:P:D (kidding)
रोमांचक अनुभव...दिलचस्प विवरण...
ReplyDeleteनीरज
अल्पनाजी
ReplyDeleteबुर्ज खलीफा की यात्रा आपके साथ बहुत ही आनन्दमयी रही |
आप बहुमुखी प्रतिभा की धनी है गर्व है ,हमको आपकी इस प्रतिभा पर |बधाई
ओह....सचमुच आप आसमान पर चल आई हैं...
ReplyDeleteरोमांचक सफ़र का साझीदार हमें भी बनाने के लिए बहुत बहुत आभार...
mujhko sochti to main bhi aakash me hoti n
ReplyDeleteवाह बहुत रोचक अंदाज़ में आपने हमें वहां की सैर करवा दी ..बहुत ही रोमांचकारी शब्दों में आपने इसको लिखा है ...चित्र ने बाकी हर इच्छा पूरी कर दी ..बहुत बहुत बढ़िया पोस्ट ..
ReplyDeleteis bar bombay gaya tha to bade bade AD the.....sabse unchi imarat ke....
ReplyDeleteअल्पना जी ,
ReplyDeleteबस स्तब्ध हूँ ये सुंदर चित्र देख कर ....
और आपके भाग्य पर जलन भी हो रही है .....
आपकी प्रतिभा और हुनर पे गर्व है .....!!
बेहतरीन जानकारियों से सुसज्जित बहुत सुन्दर और सजीव वर्णन ! चित्रों और वीडिओ के सहारे हम भी बुर्ज खलीफा घूम लिए !
ReplyDelete-
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लेकिन सच बात तो यह है कि मुझे ऊंचाईयों से बहुत डर लगता है, यह बात अलग है कि मैं अपने साथ वाले को इस बात का आभास नहीं होने देता ! ऊपर से झांकता मैं भी हूँ लेकिन आँखें बंद करके :)
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1325 दिन में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत तैयार ??? हद्द है जी
ये बाहर वालों को हर चीज की पता नहीं इतनी जल्दी क्यूँ रहती है ! यहाँ तो छोटे-मोटे 'ओवर ब्रिज' भी हमारे इंजीनियर आराम से तीन-चार वर्ष में बनाते हैं
बहुत ही रोचक विवरण और सुंदर चित्र और विडियो देखकर रोमांचित हूं. वाकई मानव निर्मित अजूबा ही है .
ReplyDeleteरामराम.
रोचक जानकारी भरी पोस्ट।आभार।
ReplyDeleteआपने बुर्ज खलीफा की सैर घर बठे ही करा दी, मज़ा आ गया
ReplyDeleteवाह तो आप आसमान छू आईं । बहुत सुंदर चित्र हैं और विडियो भी । ऐसा लगा दुनिया की सबसे तेज लिफ्ट में हम भी आपके साथ 124 माले पर पङुँच गये । जानकारी भी अच्छी है ।
ReplyDeleteआपकी नेपल्स की पोस्ट पर टिप्पणी अच्छई लगी । उन दिनो तापमान कोई 25-28 सेन्टीग्रेड रहा होगा हम तो बिना स्वेटर के घूमे थे ।
Sachmuch romanchit kar dene wale anubhav ka behtarin chitran.....Dhanywaad!
ReplyDeleteSonal has left a new comment on your post "आसमान पर चलना ....कैसा लगता है??":
ReplyDeletebahut acha laga aapka post.. tasvirein dekh kar maza aa gaya...
bahut hi rochak ...adbhut!
ReplyDelete------------------------
www.gaurtalab.blogspot.com
Hi...
ReplyDeleteJaane kya takneeki khami hai ki aapki post mere cell par nahin khulti.. aur main samay se koi bhi post dekhne se vanchit rah jata hun...
Khair, aapke chitr aalekh ne hamen Burj Khalifa se dikhne wale khoobsoorat nazaron ke darshan kara diye... Ye humara saubhagya hai...ki humara ek mitr vahan hai jo dil hum sabka dhyaan rakhta hai ki usne apne saath hamen bina UAE gaye hi Duinya ki es bahucharchit aur adviteeya emarat ko nazdeek se anubhav karayaa...aap eske liye prashansa ki haqdaar hain...
Aaage bhi apne sath hamen anya jagahon par yun hi ghumati rahen...
Shubhkamnaon Sahit...
Deepak..
*Der se comment dene ki Kshama chahta hun....
waaao..
ReplyDeleteसुंदर चित्र व उम्दा जानकारी के लिए आभार. मैंने इसे दूर से ही देखा था लेकिन आपने तो मेरे सौ दिरहाम भी बचवा दिए :-)
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ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर हम सारी दुनिया घूम ही नहीं जानकारी भी कर लेते है
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी
आपका ब्लॉग एक उद्देश्य क़े लिए है
बहुत-बहुत धन्यवाद.
सुन्दर चित्रों सहित बेहद दिलचस्प विवरण...
ReplyDeleteअब शायद इन्सान को आसमान में सुराख करने के लिए पत्थर उछालने की जरूरत भी नहीं रही :)
बुर्ज खलिफ़ा के चित्रों को आपने सुन्दर रुप में प्रस्तुत किया, धन्यवाद.
ReplyDeleteआपको भी ६४वीं स्वाधीनता दिवस की हार्दिक बधाई.
behtreen chitramayi post........sadhuwad..
ReplyDeleteबहुत अच्छी तरह से घुमाया दुनिया की सबसे इमारत में। डर भी नहीं लगा। शुक्रिया।
ReplyDeleteमै भोपाल से आज लौटी तो यह पोस्ट देखी और पढ्ते हुये सोच रही थी यहां से तिरन्गा लहराये तो मजा आ जाये, इतनी उन्ची इमारत ऊपर से सारा नजारा कितना हसीन लगता होगा न ,स्वन्त्रता दिवस की बधाई बहुत बहुत .
ReplyDeleteदिलचस्प विवरण,स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत लाजवाब और रोचक जानकारी बुर्ज खलीफा की .... सुंदरता से कैंच किया है आपने इसकी खूबसूरती को ...
ReplyDeleteवैसे हम अभी तक नही जा पाए हैं पर आपके विवरण से लगता है अब चले ही जाना चाहिए इसे देखने ...
सुना तो बहुत था इस इमारत के बारे में..
ReplyDeleteआज पढ़ भी लिया..
अफ़सोस इस बात का कि भारत में राष्ट्रीय मंडल खेलों के लिए जो पापड यहाँ बेलें जा रहे हैं.. उसका इस इमारत से कोई तोल ही नहीं हो सकता है..
वैसे आपको स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं..
मेरा ब्लॉग भी ज़रूर पढ़ें..
कन्नू की “गाय” ते माँ का “Cow”
आभार..
इस ऊंची इमारत से नीचे देखूँगा तो शायद डर के मारे दिल जोर जोर से धडकने लगेगा। खैर बिना डरे ही हमने यह अनुभव आपकी खींची फोटों से ले लिया। और इस बहाने घूम लिए बरना हम कहाँ जा पाते ऐसी जगह। अच्छा लगा यह पोस्ट पढकर ।
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeletealpana di ,
ReplyDeleteaapke saath-sath ham bhi aasmaan ki sair kar aaye.saare chitro ko aapnebakhobhi darshaya hai aur ha! itni achhi jaankariyan dene ke liye bhi badhai sweekaar karen.
poonam
चलो हमने भी आप के माध्यम से आसमान मे चलने की ख्वाहीश पुरी कर ली.
ReplyDeleteआप ने बहोत ही अच्छी जानकारी प्रदान की.
true and true
ReplyDeletekhud alfaaz kai milon ki uchai hain
thank's
mam
Bahut badiya hai. Share karne ke liye dhanyawaad.
ReplyDeleteबुर्ज खलीफा के बारे में हमने भी बहुत कुछ पढ़ रखा था लेकिन केवल तेल के सहारे पूरी दुनिया को नियंत्रित करने वाले इन देशों से बड़ी ईर्षा हुई और हमें उनकी (या कहें दूसरे देश वालों की) उपलब्धि को कभी भी सराहने की इक्षा नहीं हुई. आप को बधाई. (कृपया हमें अपने इमेल में शामिल करें. हमें आपके पोस्टों का पता ही नहीं चल पाता).
ReplyDeleteहमने यहाँ टिपण्णी की थी. न मालूम कहाँ चली गयी. इस बुर्ज के बारे में बहुत साड़ी खबरें पढ़ी हैं परन्तु हमेशा मन में एक प्रकार का आक्रोश ही उत्पन्न होता था. ईर्षा भी हो सकती है. अपने तेल के जरिये पूरी दुनिया का शोषण. आप के द्वारा दी गयी जानकारी अबतक सबसे अच्छी लगी परन्तु वहां आने का मन नहीं करता. बहुत आभार जो इतनी बारीकी से उस बुर्ज के बारे में बताया.
ReplyDeleteWAAH ALPANA JI , AAPNE APNI POST KE JARIYE HAME ITNI ACCHI SAIR KARWA DI , ISKE LIYE SHUKRAGUJAAR HOON ..
ReplyDeleteTHANKS..
VIJAY
आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...
http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html
सिर्फ एक शब्द कहना है, अद्भुत!
ReplyDeleteAlpanaji,"Bikhare Sitare" blog se aap judi raheen aur anmol tippaniyan detee raheen...blogpe"In sitaronse aage 3" is post tahat aapkee shukrguzaree ada kee hai..zaroor gaur farmayen!
ReplyDeleteप्रिय अल्पना जी
ReplyDeleteलाजवाब !
लाजवाब आपकी पोस्ट , और लाजवाब आपकी प्रस्तुति !
विश्व की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज ख़लीफ़ा के बारे में न केवल भरपूर जानकारी ; सैर का भी सजीव अनुभव !
आसमान पर चलने का रोमांचक अनुभव वीडिओ द्वारा और भी जीवंत हो उठा ।
हम जैसों के लिए , जिनके लिए घर से बाहर निकलना यदा कदा ही हो पाता है ; आपकी पोस्ट एक परिकथा जैसी है ।
…और , आपके गाए कुछ पुराने गीत भी फिर से सुने…
सुंदर सुहानी भोर मुझे आनन्दमग्न कर रही है …
आभार आपका !
यूं ही गुनगुनाती रहें , मुस्कुराती रहें !
अपनी ख़ुशियां जहां पर लुटाती रहें !!
अनंत शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
कितने हैं खुशनसीब जो रहते हैं जमीं पर ,
ReplyDeleteपर आसमान पर भी हैं परवाज सम्हाले।
अल्पना जी बहुत अच्छा लगा ...आसमां पर जाने का कभी ख्वाब भी नहीं देखा..बिन देखे सपने को आपने साकार कर दिया क्या कहूं ! करामात ?
उत्तम लेखन शैली के साथ बेहतरीन चित्रों की गैलरी और उस पर भी विडिओ
ReplyDeleteसुभान अल्लाह आपने तो हमें सच में बिन पैसे ही दर्शन की अनुभूति करा दी.
आपका हार्दिक आभार विस्तृत और रोमांचक जानकारी प्रदान करने के लिए.
चन्द्र मोहन गुप्त
jaankari k liye aapko aabhar alpana ji
ReplyDeletebehad sunder varnan,hum bhi ghum liye aur chu liye aasman,wo bhi ghar baithe,bahut shukran alpana ji.
ReplyDeletebehad sunder varnan,hum bhi ghum liye aur chu liye aasman,wo bhi ghar baithe,bahut shukran alpana ji.
ReplyDeletew o w !
ReplyDeletejust amazing... !!
सुश्री अल्पना जी !
ReplyDeleteबुर्ज खलीफा के बारे में सुना भर था। मानवीय कौशल की अनूठी कॄति है-वह। आपने उसे इतनी सूक्ष्मता से दिखा दिया कि अब उसे निकट से देखने की कामना करना व्यर्थ लग रहा है। इतिहासकार बताते हैं कि ताजमहल को बनाने वाले कार्रीगरों के हाथ इसलिए कटवा दिए गए थे ताकि वे भविष्य में उससे बेहतर इमारत न बना सकें। भारतीय श्रमिकों के योगदान वहाँ की दर्शकदीर्घा में रेखाकिंत किया गया यह गर्व की बात है। प्राचीन कालीन अतिवादी सोच की दीवारें ढ़ही हैं। आधुनिक सभ्यता और वक़्त का तकाज़ा भी यही है। ऐसी ही विश्व-बंधुत्व और सह-अस्तिव भावनात्मक आवश्यकता संसार को है।
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
वॉव।
ReplyDeleteमैं तो यही सोचकर खुश हो लेता हूँ कि कभी आपकी तरह मुझे भी इस आलीशान बिल्डिंगमें टहलने, आई मीन आसमान में चलने का मौका मिलेगा।
इस रोचक जानकारी और खासतौर से वीडियो के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। ऐसा लगा कि मैं स्वयं भी वहीं पहुंच गया हूं।
ReplyDeletebahut achcha laga.
ReplyDeleteएक बार विस्तार से डिस्कवरी चैनल पर इसके बारे में जाना था. आज फिर आपके साथ घूम लिया.अच्छा लगा.
ReplyDeleteआनंद आ गया यहाँ आ कर , खेद है की काफी दिन से आ नहीं पाया ! आज से आपकी लेखनी का मुरीद हो गया ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteवाह, आसमान पर चलना...कित्ता मजेदार.
ReplyDelete________________________
"पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteकुछ महीने पहले, कैलिफ़ोर्निया जाते समय और वापस आते समय भी, हम दुबई हवाई अड्डे पर रुके थे।
विमान से हमने यह इमारत देखी थी।
स्वयं एक structural engineer हूँ मैं और इस विषय में बहुत रुचि है।
आपका लेख पढकर और तसवीरें देखकर बहुत अच्छा लगा
शुभकामनाएं
जी विश्वनाथ
what a wonderful building
ReplyDeleteamazing
kitna exciting raha hoga na alpana didi. top floor se neeche dekhkar kaisa lagta hoga
you are so lucky
Kismat Main ho To Manzil ka Safar Haseen Ban jata hai ,,Or Jo kismat main likha kuch na ho to har safar Ek Jal - Jala Sa ban Jata hai ..
ReplyDeleteThat u are 2 lucky .. you Get Every Dreams in ur life ..
sorry meri koi baat buri lagi ho to