स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India
'वन्दे भारत मिशन' के तहत स्वदेश वापसी Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...
January 18, 2010
राग खमाज में ठुमरी[पंडित उपेन्द्र भट] और मिस्र का लोक नृत्य
संगीत से लगाव है और हमेशा से मन में एक इच्छा थी कि कभी कोई बहुत अच्छा कार्यक्रम लाइव सुन सकूँ.
शास्त्रीय संगीत की समझ न होते हुए भी इसे सुनने में आनंद की अनुभूति होती ही है.
हाल ही में एक ऐसा ही अवसर प्राप्त हुआ जब हमारे एक परिचित के घर पर[अलएन में ] पंडित उपेन्द्र भट जी का आना हुआ और उनके घर पर ही एक छोटी सी अनौपचारिक संगीत सभा का आयोजन हुआ, जिसमें उनका गायन सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए.
कर्णाटक के मूल निवासी परन्तु वर्तमान में पुणे settled पंडित उपेन्द्र भट जी शास्त्रीय संगीत के बेहद गुणी कलाकार हैं.वे हिन्दुस्तानी संगीत शैली के प्रख्यात शास्त्रीय गायक भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी जी के शिष्य हैं.अपने गुरु की तरह ही उपेन्द्र जी को भी खयाल गायन के साथ-साथ ठुमरी और भजन में महारत हासिल है.
किराना घराने के living legend के रूप में जाने जाने वाले पंडित उपेन्द्र भट जी की सुमधुर गायकी आप भी सुनिये .
Audio player-
[मैं उनकी गाई केवल एक ठुमरी ही रिकॉर्ड कर पाई,वही प्रस्तुत है जो कि राग खमाज में है.]
प्रस्तुत विडियो दो भागों में हैं.
Part-1
Part-2
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कुछ दिन पूर्व एक पारिवारिक मेले [family fair]के आयोजन में जाना हुआ वहाँ मिस्र देश का एक परम्परागत लोक नृत्य'तानूरा ' देखा ,रिकॉर्ड किया आप भी देखना चाहें तो यह विडियो आप के लिए है-
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ठुमरी तो मन मोह गयी,मिस्र देश का परम्परागत लोक नृत्य'तानूरा ' भी काफी कुछ हम लोंगों के यहाँ के लोक -नृत्य से मिलता जुलता है.
ReplyDeleteप्रस्तुति बढिया रही ,धन्यवाद.
खूबसूरत
ReplyDeleteवाकई खूबसूरत.
ReplyDeleteप.भट्ट को लाईव सुनना एक उपलब्धि है और वो भी इतनी निजी संगीत महफ़िल में.
ReplyDeleteयह लाइव विडियो और नृत्य का विडियो देखना सुनना परम आनंदित कर गया. बहुत आभार आपका.
रामराम.
वाह!! आपका बहुत बहुत बहुत आभार ...आनन्द आ गया!!
ReplyDeleteवाकई नृत्य और संगीत, देश काल की सीमाओं से परे होते हैं
ReplyDeleteबहुत सुंदर पोस्ट. इतनी बढ़िया सांस्कृतिक जानकारी हम तक पहुँचने का आभार.
आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है अल्पनाजी .पंडित भट्ट को लाईव सुनने का मौका मिला ..................और हमसे भी बांटने का शुक्रिया .
ReplyDeleteAapki yah post aisi nahi ki ek hi baar suni/padhi jaye...
ReplyDeleteSanrakshit kar liya hai,baar baar anandit hone ke liye...
Aapka kotishah aabhar....
वाह... सुंदर....
ReplyDeleteपरिचय करवाने के लिए शुक्रिया...
मीत
बहुत बढ़िया दोनों ही .शुक्रिया इसको यहाँ दिखाने के लिए
ReplyDeleteवाह !!!!! बेमिसाल
ReplyDeleteअल्पना जी, आदाब
ReplyDeleteशास्त्रीय संगीत की जानकारी देने और सुनवाने के लिये आभार
ठुमरी का लिंक दिखा नही ........ शायद दुबारा आने पर नज़र आए ........... मिस्र के लोकगीत को पहले भी देख है आज दुबारा देख कर बहुत मज़ा आया ..........
ReplyDeleteBahut- bahut badhai,is sundar prastuti ke liye.
ReplyDeleteभट जी पहले ही कह चुके ठुमरी मे शास्त्रीय संगीत है ,श्रंगार रस है सब कुछ है और कुछ भी नही है , । राग के वाबत मुझे जानकारी नही है, लेकिन ठुमरी अच्छी लगती है, बशर्ते कि कोई बतला दे कि यह जो गाई जा रही है वह ठुमरी है । ,गुलाम अली साहब ने भी कुछ गाई हैं ,बेगम अख्तर साहिबा ने भी ।ठुमरी , दादरा ,खयाल इनमें अन्तर समझ मे नही आता है ,लेकिन क्लासिकल राग पर आधारित गाने तो अच्छे भी लगते है समझ मे भी आते है । प्योर क्लासिकल समझ नही पाता हूं
ReplyDeleteवाह -आभार आपका ! मनोज कह ही चुके हैं !
ReplyDeleteव्यक्तिगत रूप से मेहफ़िल में शिरकत नहीं कर पाये, मगर आपकी वजह से यूं लगा कि हम भी वहां मौजूद थे. आभार.
ReplyDeleteपंडितजी की गायन शैली में काफ़ी गुरुजी की गायकी के दर्शन होतें हैं.
मिस्त्र के परंपरागत नृत्य शैली तानुरा बडी ही लुभावनी लगी. अगले महिने मिस्त्र जाने के पहले ये जानना बधिया रहा. इसके बारे में और जानकारी दें तो और मज़ा आ जायेगा.
बहुत सुंदर लगी आप की यह महफ़िल
ReplyDeleteपंडित उपेंद्र जी की गायी ठुमरी सुन कर बहुत आनंद आया.
ReplyDeleteधन्यवाद
पंडित उपेंद्र जी की गायी ठुमरी सुन दूरदर्शन की प्रस्तुति याद आ गयी...
ReplyDeleteसभी रेकॉर्डिंग achche lage.
शास्त्रीय संगीत की इतनी गहरी समझ नहीं है .बस जो कर्ण प्रिय लगता है उसे सुन लेता हूँ....
ReplyDeleteआनंद आ गया इस ठुमरी में ......... अभी भी मज़ा ले रहा हूँ ........ पंडित उपेंद्र जी की गाइ इस ठुमरी को सुन कर लग रहा है जैसे संगीत की धारा बह रही है ............
ReplyDeleteअल्पना जी
ReplyDeleteवाह वाह बेहतरीन ठुमरी सुनाने के लिए
उपेन्द्र जी और आप का बहुत बहुत आभार
पंडित जी की ठुमरी मन भावन लगी हालांकि मुझे शास्त्रीय संगीत की समझ नहीं है...मिस्र का तनूरा नृत्य नई चीज लगी..इस तरह की और पोस्टों का इन्तजार रहेगा!आभार!!
ReplyDeletetumri achchi lagi.sangeet ki jaankari ke liye aapka abhar.....
ReplyDeletetumri achchi lagi.sangeet ki jaankari ke liye alpana ji aapka aabhar...........
ReplyDeleteबहुत खूब .....!!
ReplyDeleteखुशनसीब हैं आप जो ऐसे कार्यक्रमों में शिरकत करने का मौका मिलता है ......!!
वाह मज़ा आ गया अल्पना जी. हम भी इस आयोजन में शामिल हो गये. ठुमरी गायन तो शास्त्रीय गायकों को भी बहुत पसंद होता है. श्रोता तो पसंद करते ही हैं.
ReplyDeletewaah!kya baat hai!
ReplyDeleteanand aa gya.
नृत्य-गीत-संगीत तो सब बल्ले बल्ले..
ReplyDeleteजल्दी वापिस भी लौटियेगा.
वाह आपकी वज़ह से हमने भी ठुमरी का आनंद उठाया । भट जी की शैली भीमसेन जोशी जी से काफी मिलती है ।
ReplyDeleteमिस्त्री नृत्य भी अच्छा लगा । कुछ कुछ
घूमर नृत्य की तरह ।
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ReplyDeleteएकदम सही बात.....
ReplyDeleteएक उम्दा प्रस्तुति.....शुभकामनायें....
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteभट्ट जी को पहली बार ही सुना है. पंडित भीमसेन जी का तो लम्बा कोल्लेक्तिओन हमारे पास है. लोकनृत्य भी अच्छा लगा. यहाँ भोपाल में एक मानव संग्रहालय है. बहुत ही विशाल. वहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं. कुछ बेहतरीन लोक नृत्य youtube में हैं. अंग्रेजी में मानव संग्रहालय सर्च करें. आभार.
ReplyDeleteWakai mantramugdh sa kar diya.
ReplyDeletevande matram ,sangeet to jindagi hai sukoon hai ,badhiya jaankari aur madhur swar .
ReplyDeletebahut hi
ReplyDeleteachhee
anoothi
aur anupam prastutee.
aabhaar .
Very Nice..
ReplyDeleteDear Alpana ji,
कुछ दिनों पहले मेरी आईडी हैक कर ली गई। मैंने काफी प्रयास किया लेकिन उसे वापस पाने में असमर्थ रहा। आईडी हैक हो जाने की वजह से मैं अपने ब्लॉग http://koitohoga.blogspot.com/ को एक्सेस नहीं कर पा रहा हूँ... इसलिए मैंने नया ब्लॉग http://dhentenden.blogspot.com बना लिया है। उम्मीद करता हूँ कि मेरे इस ब्लॉग को भी आप लोगों का वही प्यार मिलता रहेगा!!!
Regards
Ram K Gautam
Aadarniya kalpana ji,
ReplyDeletebhut deeno baad aaoke blog par aai. chhma chahati hun.vase mujhe raagon ki jaankariya kam hi hai .par jo kuchh bhi padha va suna wo. mere anubhav aur path pradarshk dono hi ban gaye. es sundar prastuti ke liye dil ki gaharaiyon se abhar.
poonam
aadarniy kalpana ji, bahut dino baad aapnke blog per aai . iske liye kshama chahati hu.wese raagon k baare me mujhe jada jaankaari nahi hai fir bhi jo kuch padha or suna wo dono hi mere liye prernadayii rahe . is sundar prastuti ke liye dhabyawaad
ReplyDeleteWah , Alpana Ji
ReplyDeleteApke blog ko dekhne ka su-avsar mila. Adhik rochak tatha jankari se ot-prot hai.
Naye-Naye roopon se gyat karate rahiye.
Bahut-Bahut Badhai.