tag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post2694763987448265885..comments2023-11-02T15:07:29.951+05:30Comments on Vyom ke Paar...व्योम के पार: वक़्त कब किस का हुआ?Alpana Vermahttp://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comBlogger82125tag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-47568734732599789432011-04-16T12:44:35.624+05:302011-04-16T12:44:35.624+05:30अजब सी आवाज़ें और अजब ख़ामोशी है,
अजब सी हलचल कही...अजब सी आवाज़ें और अजब ख़ामोशी है,<br /><br />अजब सी हलचल कहीं ,तो कहीं अजब बेहोशी है<br /><br />अल्पना जी नमस्कार बहुत सुन्दर रचनाएँ उपरी पंक्ति बहुत अच्छी लगी सुन्दर छवियाँ खुद ही बहुत कुछ बोल जाती हैं बधाई और शुभ कामनाएं <br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-88334015906130513012011-04-16T12:43:20.021+05:302011-04-16T12:43:20.021+05:30अजब सी आवाज़ें और अजब ख़ामोशी है,
अजब सी हलचल कही...अजब सी आवाज़ें और अजब ख़ामोशी है,<br /><br />अजब सी हलचल कहीं ,तो कहीं अजब बेहोशी है<br /><br />अल्पना जी नमस्कार बहुत सुन्दर रचनाएँ उपरी पंक्ति बहुत अच्छी लगी सुन्दर छवियाँ खुद ही बहुत कुछ बोल जाती हैं बधाई और शुभ कामनाएं <br /><br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-4852736285707021512011-01-29T18:26:53.180+05:302011-01-29T18:26:53.180+05:30कविता दोनों बेहद अच्छी हैं .समय चक्र खास पसंद आई.कविता दोनों बेहद अच्छी हैं .समय चक्र खास पसंद आई.kavitanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-70651940539469922492011-01-21T19:43:29.532+05:302011-01-21T19:43:29.532+05:30जब तक cmindia की नई क्विज़ प्रस्तुत हो, इस पुरानी ...जब तक cmindia की नई क्विज़ प्रस्तुत हो, इस पुरानी क्विज़ को हल करें। http://rythmsoprano.blogspot.com/2011/01/blog-post_3129.htmlGeetsangeethttps://www.blogger.com/profile/10218075882504626571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-666725557855917612011-01-21T19:43:04.946+05:302011-01-21T19:43:04.946+05:30'गुनाहों का देवता' लीक से हटकर उपन्यास है।...'गुनाहों का देवता' लीक से हटकर उपन्यास है। इसका अंत विचलित अवश्य ही करता है पाठकों को। <br /><br />लीक से हट कर बनी या सृजित रचनाएँ या तो पटरी से उतर जाती हैं या फिर आसमान की बुलंदियों को छूती हैं। उन्हें मध्यम मार्ग पसंद<br />नहीं होता।Geetsangeethttps://www.blogger.com/profile/10218075882504626571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-68665366906610413692011-01-14T12:29:39.908+05:302011-01-14T12:29:39.908+05:30seekhne ko bht kuchh..seekhne ko bht kuchh..Dimple Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/14066816391236429122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-802536220050119502011-01-14T12:29:11.641+05:302011-01-14T12:29:11.641+05:30seekhne ko bht kuchh..seekhne ko bht kuchh..Dimple Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/14066816391236429122noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-76299314715577454772011-01-13T14:08:57.532+05:302011-01-13T14:08:57.532+05:30हा...हा....हा....हा....हा....दसवीं कक्षा के जमाने ...हा...हा....हा....हा....हा....दसवीं कक्षा के जमाने में पढ़ा था गुनाहों के देवता को.....एक सांस में उसे पढने के लिए समय ना मिलने के कारण बीमारी का बहाना कर छत पर जा-जाकर पढ़ा करता उसे....कई-कई बार पढ़ा.....और कई-कई बार रोया......और एक बार तो मैं फफक-फफक कर रोया था.....ऐसा था इस उपन्यास का रस...आज सोचता हूँ तो......हा....हा....हा....हा.....हर चीज़ का एक वक्त होता....कहते हैं की मुहब्बत का कोई वक्त नहीं होता.....मगर होता है जनाब होता है मुहब्बत का भी वक्त....जब वो आपके भीतर उफान मार रही होती है.....मगर आपके पास कोई नहीं होता....आब खुद में मुहब्बत से भरे होते हैं.....और बस इंतज़ार कर रहे होते हैं की कोई मिल जाए.....और जब कोई मिल जाता है तो आपके भीतर की सारी मुहब्बत उस पर उड़ेल दी जाती है.....मगर वक्त इंतज़ार भी तो नहीं करता आपका या किसी और का....सरपट दौड़ता जाता है ....देखते-न-देखते आपके कानों के आस-पास के कोने सफ़ेद हो जाते हैं.....आपके बच्चे तब उस उम्र के हो चुके होते हैं....जब आपने पढ़ी थी गुनाहों का देवता या फिर कोई और किताब....और आप रोया करते थे....जब आप किसी के लिए तड़पा करते थे....दिल का वो दर्द अब आपको याद ही नहीं आता....मुब्बत एक मज़ाक लगा करती है .....शायद इसीलिए आज आप अपने दिन भूल चुके होते हैं .....शायद...इसीलिए अपने बच्चों को ऐसी बातों पर डांटा करते हैं...लेकिन सच बाताऊं दोस्तों....अगर वक्त मिल जाए.....और आप अपने काम-काज को तिलांजलि दे सकें....या कुछ देर के लिए भूल कर ही सही...मुहब्बत को पा सकते हैं....मुहब्बत से सब कुछ संवार सकते हैं.....हाँ सच मेरे दोस्तों....सच.....सच्ची.....सच्च.....कसम से....!!! <br />अजब है सच यह मुहब्बत <br />रहती है दिल में कशमकश...!!<br />अजब है यह छोटा सा दिल <br />हर शै भागता-दौड़ता-सा हुआ...!! <br />अजब है हमारे भीतर की बात <br />हमसे छुटकारा पाने को व्यग्र....!!<br />अजब से हो जाया करते हैं हम <br />जब कोई मिल जाता है अपना-सा..!!<br />और अपनों के बीच ही रहते हुए <br />हम हो जाते बेगाने सबके लिए...!!<br />अजब-सा लगता है हमारा चेहरा <br />कोई और ही झांकता है उसमें से...!!<br />तो मुहब्बत से भरे हुए हम सब <br />इतनी दुश्मनायी में क्यूँ रहते हैं...!!<br />गर इश्क आदमी का फन है "गाफिल"<br />इसमें इतने आततायी क्यूँ बसा करते हैं...!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-83989769025428247332011-01-13T14:07:40.888+05:302011-01-13T14:07:40.888+05:30हा...हा....हा....हा....हा....दसवीं कक्षा के जमाने ...हा...हा....हा....हा....हा....दसवीं कक्षा के जमाने में पढ़ा था गुनाहों के देवता को.....एक सांस में उसे पढने के लिए समय ना मिलने के कारण बीमारी का बहाना कर छत पर जा-जाकर पढ़ा करता उसे....कई-कई बार पढ़ा.....और कई-कई बार रोया......और एक बार तो मैं फफक-फफक कर रोया था.....ऐसा था इस उपन्यास का रस...आज सोचता हूँ तो......हा....हा....हा....हा.....हर चीज़ का एक वक्त होता....कहते हैं की मुहब्बत का कोई वक्त नहीं होता.....मगर होता है जनाब होता है मुहब्बत का भी वक्त....जब वो आपके भीतर उफान मार रही होती है.....मगर आपके पास कोई नहीं होता....आब खुद में मुहब्बत से भरे होते हैं.....और बस इंतज़ार कर रहे होते हैं की कोई मिल जाए.....और जब कोई मिल जाता है तो आपके भीतर की सारी मुहब्बत उस पर उड़ेल दी जाती है.....मगर वक्त इंतज़ार भी तो नहीं करता आपका या किसी और का....सरपट दौड़ता जाता है ....देखते-न-देखते आपके कानों के आस-पास के कोने सफ़ेद हो जाते हैं.....आपके बच्चे तब उस उम्र के हो चुके होते हैं....जब आपने पढ़ी थी गुनाहों का देवता या फिर कोई और किताब....और आप रोया करते थे....जब आप किसी के लिए तड़पा करते थे....दिल का वो दर्द अब आपको याद ही नहीं आता....मुब्बत एक मज़ाक लगा करती है .....शायद इसीलिए आज आप अपने दिन भूल चुके होते हैं .....शायद...इसीलिए अपने बच्चों को ऐसी बातों पर डांटा करते हैं...लेकिन सच बाताऊं दोस्तों....अगर वक्त मिल जाए.....और आप अपने काम-काज को तिलांजलि दे सकें....या कुछ देर के लिए भूल कर ही सही...मुहब्बत को पा सकते हैं....मुहब्बत से सब कुछ संवार सकते हैं.....हाँ सच मेरे दोस्तों....सच.....सच्ची.....सच्च.....कसम से....!!! <br />अजब है सच यह मुहब्बत <br />रहती है दिल में कशमकश...!!<br />अजब है यह छोटा सा दिल <br />हर शै भागता-दौड़ता-सा हुआ...!! <br />अजब है हमारे भीतर की बात <br />हमसे छुटकारा पाने को व्यग्र....!!<br />अजब से हो जाया करते हैं हम <br />जब कोई मिल जाता है अपना-सा..!!<br />और अपनों के बीच ही रहते हुए <br />हम हो जाते बेगाने सबके लिए...!!<br />अजब-सा लगता है हमारा चेहरा <br />कोई और ही झांकता है उसमें से...!!<br />तो मुहब्बत से भरे हुए हम सब <br />इतनी दुश्मनायी में क्यूँ रहते हैं...!!<br />गर इश्क आदमी का फन है "गाफिल"<br />इसमें इतने आततायी क्यूँ बसा करते हैं...!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-43704100152722742802011-01-09T17:06:08.240+05:302011-01-09T17:06:08.240+05:30अल्पना जी, लाख टके की बात कह दी आपने। वक्त सचमुच...अल्पना जी, लाख टके की बात कह दी आपने। वक्त सचमुच उसी का होता है, जो उसकी कीमत को समझता है। <br />हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।<br /><br />---------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">पति को वश में करने का उपाय। </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-63997545944100861702011-01-07T17:45:21.179+05:302011-01-07T17:45:21.179+05:30अल्पनाजी
बहुत देर से आपके ब्लाग पर आई हूँ
अजब का प...अल्पनाजी<br />बहुत देर से आपके ब्लाग पर आई हूँ<br />अजब का प्रयोग बहुत ही खूबसूरती के साथ किया है आपने |<br />और यह प्रार्थना अगर जीवन में उतार ले तो क्या बात है बहुत ही मीठा गया है आपने |<br />"गुनाहों के देवता "पढने के बाद यही हल होता है मई तो कितनी बार पढ़ चुकी हूँ और हर बार नये अर्थ मिलते है |<br />गुजारिश फिल्म वास्तव में जिन्दादिली से जीने और इस प्रार्थना का संदेश देती हुई सुन्दर फिल्म है |<br />अगर आपने "प्रथम प्रतिश्रुति "और "सुवर्णलता" उपन्यास जो की आशापूर्णाजी द्वारा लिखित ज्ञानपीठ प्रकाशन से है अगर पढ़े है तो क्रप्या बताये कैसे लगे? और अगर नहीं पढ़े है तो जरुर पढियेगा |<br />शुभकामनाये |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-54104373629674453982011-01-07T17:41:15.288+05:302011-01-07T17:41:15.288+05:30अल्पना जी आज पता नहीं कैसे घूमते-घूमते आपके ब्लॉग ...अल्पना जी आज पता नहीं कैसे घूमते-घूमते आपके ब्लॉग पर आना हुआ. आकर जैसे निहाल ही हो गया. दिल से आपके ब्लॉग का चक्कर काट कर आया हूँ. कविता का तो ज्यादा शौक नहीं है लेकिन गीत सुनकर बेहद प्रसन्नता हुई.सूर्य गोयलhttps://www.blogger.com/profile/13493718163827231134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-26014244352131487402011-01-06T11:07:20.471+05:302011-01-06T11:07:20.471+05:30भावपूर्ण कविता,मधुर गीत ,विचारों से सहमत,समय चक्र ...भावपूर्ण कविता,मधुर गीत ,विचारों से सहमत,समय चक्र में सभी हैं .<br />अच्छी पोस्ट है.Anonymoushttp://(optional)noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-45697201747597577252011-01-05T22:43:32.229+05:302011-01-05T22:43:32.229+05:30bahut achhi kavitayen.....
happy new year...bahut achhi kavitayen.....<br />happy new year...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-13772869009161511082011-01-05T22:40:17.681+05:302011-01-05T22:40:17.681+05:30bahut khoobsurat ehsaas likhen hain aap ne.likhte ...bahut khoobsurat ehsaas likhen hain aap ne.likhte rahiyeअभिन्नhttps://www.blogger.com/profile/06944616806062137325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-42887172935693348822011-01-05T21:07:47.471+05:302011-01-05T21:07:47.471+05:30कुछ बातें होती ही ऐसी हैं की मन पर गहरे प्रभाव छोड...कुछ बातें होती ही ऐसी हैं की मन पर गहरे प्रभाव छोड़ जाती जाती हैं. छोटी सी जिंदगी बहुत कुछ सीखा जाती है बस सीखने की कोशिश हौसला और हिम्मत चाहिए.बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायेंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-16515545785006077082011-01-05T07:53:22.119+05:302011-01-05T07:53:22.119+05:30गीत गाता आ रहा हूँ,तुम नए विश्वास भरना,
गर्व से म...गीत गाता आ रहा हूँ,तुम नए विश्वास भरना, <br />गर्व से मैं सर उठाऊं ,तुम नया इतिहास रचना.<br />काफी प्रेरक पंक्ति है. न केवल आपका ब्लाग वरन सभी रचनाएँ , गीत अद्भुत हैं. अति सुन्दर. यहाँ आकर मन को ख़ुशी भी मिली, शांति भी. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/00711943513980821109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-77201485207380289882011-01-04T20:45:15.284+05:302011-01-04T20:45:15.284+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-59919991969602335882011-01-04T19:15:44.721+05:302011-01-04T19:15:44.721+05:30थोडा भर-भर-सा गया हूँ....इतना सारा सब कुछ पढ़कर......थोडा भर-भर-सा गया हूँ....इतना सारा सब कुछ पढ़कर....अब उससे उबरूं तो कुछ लिखूं....अभी कुछ महसूस कर रहा हूँ मैं.....उसे महसूस करने दो....!!!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-20161638308313325452011-01-04T10:08:53.518+05:302011-01-04T10:08:53.518+05:30वक्त यूँ ही चलता रहेगा। बहुत सुन्दर पोस्ट है। इतनी...वक्त यूँ ही चलता रहेगा। बहुत सुन्दर पोस्ट है। इतनी शक्ति हमे देना दाता---0- बस यही तो चाहिये, वर्ना सुख दुख तो जीवन का हिस्सा हैं। नये साल की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-31179344171567660522011-01-04T02:18:24.541+05:302011-01-04T02:18:24.541+05:30वाकई बहुत ही अजब की कविता है..मज़ा आ गया पढ़ के..स...वाकई बहुत ही अजब की कविता है..मज़ा आ गया पढ़ के..साधुवाद..आलोक श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/14545717686171350297noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-5909100031900949452011-01-03T21:53:01.550+05:302011-01-03T21:53:01.550+05:30वक़्त का पहिया जहाँ जब भी रुकता है,
ये जिस्म वहीँ ...वक़्त का पहिया जहाँ जब भी रुकता है,<br /><br />ये जिस्म वहीँ उसी पल में सर्द होता है.<br /><br />बहुत गहरी अभिव्यक्ति!!<br /><br />आप और आपके परिवार को भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.''Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-72841691840922184702011-01-03T16:19:27.327+05:302011-01-03T16:19:27.327+05:30गुज़रे हुवे वक़्त का दस्तावेज़ है आपकी पोस्ट .... ...गुज़रे हुवे वक़्त का दस्तावेज़ है आपकी पोस्ट .... बदलता है वक़्त ये तो सचाई है जीवन की और सभी को झेलनी पढ़ती है ... बहुत कुछ कभी कभी जेहन में गहरे उतर जाता है और जकड लेता है मन मस्तिष्क को .... गुजारिश देखना कुछ ऐसी की अनुभूति है ... जो आया है अपने अपने हिस्से की धूप देख कर ही जाएगा ... दोनों कवितायें बहुत गहरी और कहती हुयी हैं ... <br />आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-57929348419710772172011-01-02T23:08:55.055+05:302011-01-02T23:08:55.055+05:30nav varsh ki shubhkamnayennav varsh ki shubhkamnayenजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-767890526482997697.post-6520135608823200682011-01-02T19:35:01.179+05:302011-01-02T19:35:01.179+05:30aap bahut sundar likhti hain
har baat ko bahut ac...aap bahut sundar likhti hain <br />har baat ko bahut ache se explain karti hain.<br />kavita bhi bahut achi lagi.<br />aapko naye saal ki hardik badhayi<br />happy new yearAlka Rayhttps://www.blogger.com/profile/07382180642024333875noreply@blogger.com